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पालतू श्वान की मौत पर उठावनी का आयोजन, तेरहवीं के दिन कराएंगे भोजन

कुलदीप सिंघानियां 13 वर्ष पूर्व स्वान के बच्चे को दिल्ली से लेकर आए थे। उन्होंने उसका नाम सिल्की रखा। सिल्की धीरे-धीरे परिवार के सदस्यों की चहेती बन गई। और परिवार में सिल्की देखरेख सभी लोग करने लगे।

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बेजुबान जानवर और इंसान के बीच का रिश्ता बेहद खास होता है। हम इंसान जानवरों को प्यार देते हैं तो वे इसके बदले वफादारी। पर ये बातें सिर्फ़ वहीं लोग समझ सकते हैं, जिन्हें उनसे लगाव और प्यार होता है। शहर में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां बेजुबान श्वान की मौत पर उसका पालन करने वाले ने उसका अंतिम संस्कार किया और उठावनी भी रखी जिसमें आस-पास के लोगों ने मृत श्वान को श्रद्धांजलि अर्पित की। तो वहीं तेरहवी के दिन शहर के बेजुबान जानवरों और पंक्षियों को भोजन भी कराया जाएगा।

मामला शहर के बजरिया रोड का है जहां रहने वाले कुलदीप सिंघानियां 13 वर्ष पूर्व श्वान के बच्चे को दिल्ली से लेकर आए थे। उन्होंने उसका नाम सिल्की रखा। सिल्की धीरे-धीरे परिवार के सदस्यों की चहेती बन गई। और परिवार में सिल्की देखरेख सभी लोग करने लगे। लेकिन 20 सितम्बर को सिल्की की तबियत खराब होने से उसकी मौत गई सिल्की की मौत से सारा परिवार स्तब्ध सा रह गया। सिल्की के पारिवारिक सदस्य सा होने के कारण उसका अंतिम संस्कार किया। तो वहीं दो दिन बाद सिल्की का उठावनी कार्यक्रम भी रखा गया। जिसमें आसपास के लोगों ने आकर सिल्की को श्रद्धांजलि अर्पित की।

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उठावनी में आए सर्वसमाज के लोग: कुलदीप बताते हैं कि सिल्की की मौत के बाद उन्होंने उनकी उठावनी रखी। जिसमें सर्व समाज के भारी संख्या में उपस्थित हुए। इन लोगों में अनुज शर्मा, हरविलास रजक, नेकराम, अमित शर्मा, केशव शर्मा, प्रसून मिश्रा, लाला शर्मा, चेतन जैन, प्रखर शर्मा, मोनी खान, दिनेश सिंघल, विवेक मथुरिया, सतीश, मन्नू बाथम, विक्की शर्मा, दीपक कुशवाह आदि लोग श्रद्धांजलि देने पहुंचे। वह बताते हैं कि सिल्की उनके परिवार के सदस्य की तरह थी। उसकी मौत पर उन्हें भारी आघात हुआ है। जिस कारण उन्होंने सिल्की की मौत के बाद इंसानों की तरह क्रियाकर्म करने की सोचा। और उठावनी के बाद 2 अक्टूबर को तेरहवी के दिन शहर भर में बेजुबान जानवर और पंक्षियों को भोजन कराएंगे।