चालक ने टोल कर्मियों को बताया कि वह सीनियर आईएएस हैं और प्रभारी सचिव की गाड़ी में हैं, लेकिन टोल कर्मियों ने उसे पहचानने से इनकार कर दिया। उन्होंने ड्राइवर से आईडी दिखाने को कहा। इस अप्रत्याशित स्थिति ने प्रभारी सचिव को परेशान कर दिया और उन्होंने तत्काल धौलपुर के जिला कलेक्टर से संपर्क किया। कलेक्टर ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तहसीलदार वीरेंद्र गुप्ता और थाना अधिकारी गंभीर सिंह कसाना को मौके पर भेजा।
पुलिस की टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए टोल पर मौजूद पांच कर्मचारियों को हिरासत में ले लिया। पुलिस के आते ही टोल बूथ पर अफरा-तफरी मच गई और कई कर्मचारी मौके से भाग खड़े हुए। यह मामला सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। जहां वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि टोल कर्मी गाड़ी रोकने के बाद ड्राइवर से बातचीत कर रहा है। एक अन्य वीडियो में टोल कर्मी ड्राइवर से हाथ जोड़ते हुए नजर आ रहा है।
इस घटना ने प्रशासनिक प्रक्रिया और टोल कर्मियों के व्यवहार पर सवाल उठाए हैं। हालांकि, पुलिस ने इस मामले में कुछ भी बोलने से इनकार किया है। काफी देर तक टोल पर कोई स्टाफ नहीं था। इस कारण गाड़ियां को नहीं रोका जा सका और वहां से गुजरने वाली गाड़ियां बिना टोल दिए ही चलती चली गईं। बाद में स्टाफ को थाने से छोड़ा गया और स्टाफ ने फिर अपना काम संभाला।