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शिक्षक हो रहे बेजार, कैसे प्रमाणित हो बच्चों का जनाधार

- जिले में अभी भी करीब 15 फीसदी बच्चों का नहीं हो पाया प्रमाणीकरण - सीमावर्ती क्षेत्रों में पढ़ रहे करीब डेढ़-दो हजार बाहरी राज्यों के बच्चे - बिना प्रमाणीकरण अटक रही यूनिफॉर्म सिलाई की राशि   धौलपुर. राज्य सरकार की नि:शुल्क यूनिफॉर्म वितरण योजना में यूनिफॉर्म सिलाई की राशि विद्यार्थियों के खाते में स्थानान्तरण के लिए शिक्षकों को उनके घरों तक चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। प्रदेश सरकार की ओर से सरकारी विद्यालयों के कक्षा 1 से 8 के बच्चों को यूनिफॉर्म का नि:शुल्क वितरण किया है।

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Teachers are becoming unemployed, how to prove the mass base of children

शिक्षक हो रहे बेजार, कैसे प्रमाणित हो बच्चों का जनाधार

शिक्षक हो रहे बेजार, कैसे प्रमाणित हो बच्चों का जनाधार


- जिले में अभी भी करीब 15 फीसदी बच्चों का नहीं हो पाया प्रमाणीकरण

- सीमावर्ती क्षेत्रों में पढ़ रहे करीब डेढ़-दो हजार बाहरी राज्यों के बच्चे

- बिना प्रमाणीकरण अटक रही यूनिफॉर्म सिलाई की राशि

धौलपुर. राज्य सरकार की नि:शुल्क यूनिफॉर्म वितरण योजना में यूनिफॉर्म सिलाई की राशि विद्यार्थियों के खाते में स्थानान्तरण के लिए शिक्षकों को उनके घरों तक चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। प्रदेश सरकार की ओर से सरकारी विद्यालयों के कक्षा 1 से 8 के बच्चों को यूनिफॉर्म का नि:शुल्क वितरण किया है। इसकी सिलाई के लिए दो सौ रुपए डीबीटी के माध्यम से बच्चों के खातों में स्थानान्तरित कराई जा रही है। अब समस्या यह है कि इस राशि का स्थानान्तरण बालक के जनाधार अपडेशन और संस्था प्रधान के प्रमाणीकरण के बिना नहीं किया जा सकता। जिले में हजारों नौनिहाल ऐसे हैं, जिनका जनाधार और आधार अपडेशन का कार्य पूरा नहीं है और उसी के अभाव में संस्था प्रधानों की ओर से उनका प्रमाणीकरण नहीं हो पा रहा है। वहीं, धौलपुर जिला उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश की सीमा से लगा होने के कारण यहां पर इन दोनों राज्यों के बच्चे भी शिक्षा ग्रहण करते हैं। जिनके आधार व जनधार दोनों को लेकर समस्या उत्पन हो रही है। विभाग की ओर से जनाधार प्रमाणीकरण लक्ष्य पूरा नहीं करने पर कार्रवाई की चेतावनी के डर से शिक्षक इन दिनों नौनिहालों के घरों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। जिले के शिक्षकों का कहना है कि जनाधार अपडेशन कार्य उनका नहीं है, इसके बावजूद यह कार्य उनसे कराया जा रहा है। लक्ष्य की प्राप्ति नहीं होने पर जिले के कई पीईईओ को शिक्षा विभाग की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी किए जा चुके हैं। वहीं, पीईईओ ने उनके अधीनस्थ आने वाले विद्यालयों को नोटिस जारी कर दिए हैं।

मप्र और उप्र के भी बच्चे

धौलपुर में एक बड़ी समस्या यह आ रही है कि सीमावर्ती जिला होने के कारण यहां बड़ी संख्या में मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के बच्चे भी पढ़ रहे हैं। धौलपुर, राजाखेड़ा, बसेड़ी, सैंपऊ आदि क्षेत्रों में यूपी और एमपी के बच्चे हैं। उनका जनाधार कार्ड ही नहीं बना है। ऐसे में शिक्षकों के सामने ऐसे बच्चों का जनाधार प्रमाणीकरण कराने में समस्या आ रही है।

और भी कई समस्याएं

जनाधार प्रमाणीकरण में कई तरह अन्य समस्याएं भी सामने आ रही हैं, इनमें आधार कार्ड नहीं होने के कारण जनाधार नहीं बनवाया जाना, जनाधार में बच्चे का नाम नहीं होना, बच्चे के स्कूल रेकॉर्ड में दर्ज डेटा का जनाधार से मिलान नहीं होना, जनाधार संशोधन की त्रिस्तरीय वेरिफिकेशन प्रक्रिया में लगने वाले समय सहित जनाधार खातों में दर्ज बैंक खाते का बन्द या गलत होना भी प्रमाणीकरण में समस्या बना हुआ है। इसके अलावा अन्य राज्य के बालक, जिनका जनाधार नहीं है, उनका वेरिफिकेशन करना संभव नहीं है।

इनका कहना है

जनाधार वेरिफिकेशन को लेकर शिक्षक दबाव में हैं। सीमावर्ती जिला होने से बड़ी संख्या में यूपी-एमपी के बच्चे यहां पढ़ रहे हैं। बच्चों की परीक्षाएं भी आ रही हैं। ऐसे में शिक्षकों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है।

- राजेश शर्मा, शिक्षक नेता, धौलपुर

जिले में करीब 85 फीसदी बच्चों का जनाधार प्रमाणीकरण हो गया है। अन्य राज्यों के बच्चों का तो प्रमाणीकरण हो ही नहीं सकता लेकिन, ऐसे बच्चे करीब एक फीसदी ही हैं। शेष का प्रमाणीकरण करने की कार्रवाई जारी है।

- मुकेश कुमार गर्ग, एडीपीसी, समसा, धौलपुर