
Diabetes Reversal: डायबिटीज के इलाज में शुगर नियंत्रित और उसके कारण होने वाली जटिलताओं को रोकने की दवा दी जाती है। इसे हमेशा के लिए खत्म तो नहीं किया जा सकता, लेकिन अच्छा खानपान और सही दिनचर्या से नियंत्रित जरूर कर सकते हैं। एक स्थिति ऐसी भी आती है जब बिना दवा के शुगर नियंत्रित रहता है। इसे रिवर्स डायबिटीज कहते हैं। अगर हर तीन माह में होने वाली जांच (एचबीए1सी) का स्तर 6 से कम रहता है तो इसे रिवर्सिंग डायबिटीज की श्रेणी में रख सकते हैं। जानते हैं कुछ तरीकों के बारे में जिनसे डायबिटीज को रिवर्स कर सकते हैं।
1. सिंपल काब्र्स से दूरी
मीठी चीजें, ब्रेड, चावल, पास्ता, आलू, रिफाइंड वाली चीजें या जंक फूड, सिंपल काब्र्स यानी स्टार्च से भरपूर होते हैं। ये तुरंत पचते व ग्लूकोज में बदलते हैं। यही ग्लूकोज खून में पहुंचकर शुगर का स्तर बढ़ाते हैं। इन्हें लेने से बचें।
2. प्रोटीन डाइट अधिक लें
डाइट में कैलोरी कम करते हैं तो ऊर्जा के लिए प्रोटीन डाइट अधिक लें। इसमें अंडा, पनीर, अंकुरित दालें, दाल, नट्स और टोफू शामिल करें। इससे कमजोरी महसूस नहीं होती है। विटामिन बी, सेलुलर स्वास्थ्य को सही रखते है।
3. कैलोरी कम करें
एक स्टडी के अनुसार, डायबिटीज रोगी 8 सप्ताह तक 750- 800 कैलोरी डाइट लेता है तो इससे रिवर्स डायबिटीज में मदद मिलती है। कम कैलोरी से जमा फैट कम होता है।
4. एक्टिव रहें, वॉक करें
एक स्टडी के अनुसार, नियमित दवाइयां लेने वाले और रोज 10,000 कदम वॉक या व्यायाम से 500-700 कैलोरी तक बर्न करने वाले रोगियों में मधुमेह 50त्न तक घट सकता है।
5. उपवास करें
एक रिसर्च में सामने आया कि सप्ताह में दो दिन उपवास और उसमें न्यूनतम डाइट (500-600 कैलोरी) हो तो इससे भी नियंत्रण में मदद मिल सकती है। लेकिन डाइट डॉक्टरी देखरेख में लें।
6. लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स
सेब, स्ट्रॉबेरी, आडू, नाशपाती, कीवी, टमाटर, खीरा, ककड़ी, आलुबुखारा जैसे लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड्स ही खाएं। ये दिल की बीमारियों, स्ट्रोक व नव्र्स और किडनी रोगों की आशंका भी घटाते हैं। ज्यादा मीठे फल न खाएं।
7. फैटी फूड्स कम लें
फैटी फूड्स में अधिक मात्रा में अनहैल्दी सिंपल कॉब्र्स होता है। इससे शुगर का स्तर तेजी से बढ़ता है। ऐसी चीजें खाने से बचें। पिज्जा, बर्गर, डोनट्स व फ्रेंच फ्राइज लेने से बचें। डाइट में ओमेगा-3 से भरपूर फूड्स ले सकते हैं।
8. बेली फैट न बढऩे दें
मोटापे से गतिविधियां कम होने लगती हैं। इससे शरीर में इंसुलिन कम बनता है। इससे अंगों में शुगर का उपयोग कम होता है और एक समय बाद उसे खून में भेजने में लगता है। इस तरह यह हाइ ब्लड शुगर का कारण बनता है।
ये बातें रखें ध्यान
रिवर्स डायबिटीज एक नियमित प्रक्रिया है। दवा बंद/शुरू करने या वैकल्पिक चिकित्सा अपनाने के लिए डॉक्टर से सलाह जरूर लें। खुद से या ओवर द काउंटर दवा न लें।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Published on:
10 Aug 2023 06:12 pm
बड़ी खबरें
View Allडाइट फिटनेस
स्वास्थ्य
ट्रेंडिंग
लाइफस्टाइल
