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जानिए किस बीमारी के रोगी को क्या खाना चाहिए क्या नहीं

locationजयपुरPublished: Feb 16, 2019 06:23:26 pm

खानपान हमारे जीवन का ऐसा हिस्सा है जो हमें एनर्जी देने के साथ-साथ रोगों से भी बचाता है। लेकिन ऐसा तभी संभव है जब हमें यह पता हो कि किस बीमारी में कौन से फल या सब्जियां ज्यादा फायदेमंद हो सकती हैं। जानते हैं उनके बारे में।

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खानपान हमारे जीवन का ऐसा हिस्सा है जो हमें एनर्जी देने के साथ-साथ रोगों से भी बचाता है। लेकिन ऐसा तभी संभव है जब हमें यह पता हो कि किस बीमारी में कौन से फल या सब्जियां ज्यादा फायदेमंद हो सकती हैं। जानते हैं उनके बारे में।

खानपान हमारे जीवन का ऐसा हिस्सा है जो हमें एनर्जी देने के साथ-साथ रोगों से भी बचाता है। लेकिन ऐसा तभी संभव है जब हमें यह पता हो कि किस बीमारी में कौन से फल या सब्जियां ज्यादा फायदेमंद हो सकती हैं। जानते हैं उनके बारे में।

हृदय व बीपी के मरीज –
क्या खाएं : मौसमी फल व हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं। फलों में सेब, अमरूद, पपीता बेहतर विकल्प हैं। फाइबर युक्तहरी पत्तेदार व विभिन्न रंगों की सब्जियां जैसे कद्दू, शिमला मिर्च, प्रयोग करें। बाजरा, आटा व रागी जैसे साबुत अनाज व अंकुरित चीजें खाएं और छेना से बनी मिठाई लें।

न खाएं : गरिष्ठ व तली-भुनी चीजें न खाएं। ट्रांस फैट, पैक्ड फूड, सूजी और मैदे से बने खाद्य पदार्थों से परहेज करें। बेकरी प्रोडक्ट्स प्रयोग में न लें क्योंकि इनमें नमक की मात्रा ज्यादा होती है। नमक का अधिक मात्रा में सेवन करने से बचें।

क्या करें : सोने से 3-4 घंटे पहले भोजन करें वर्ना पेट व हृदय संबंधी समस्या हो सकती है। रोजाना 25-35मिनट की वॉक करें। इस रोग के मरीज को पत्तागोभी, ब्रोकली, मटर और पालक खिलाएं। सर्दी और जुकाम की समस्या को दूर करने के लिए टमाटर, लौकी व पालक ज्यादा फायदेमंद होते हैं क्योंकि ये विटामिन, आयरन, मिनरल्स और कैल्शियम के प्रमुख स्रोत हैं। टमाटर में मौजूद लाइकोपिन एंटीऑक्सीडेंट का काम करता है जिससे इम्युनिटी बढ़ती है। लेकिन सूप बनाते समय टमाटर के साथ अन्य सब्जियां जैसे पालक, लौकी या मटर जरूर मिलाएं वर्ना गले की तकलीफ बढ़ सकती है। मरीज के लिए सब्जी बनाते समय उसमें घी, तेल या मिर्च-मसालों का प्रयोग कम करें।

डायबिटीज में
शुगर की मात्रा को नियंत्रित रखने के लिए हर दो घंटे में कुछ न कुछ खाते रहें। ज्यादा देर खाली पेट न रहें, इससे शरीर में हाइपोग्लाइसीमिया (रक्त में ग्लूकोज की मात्रा कम होना) का स्तर कम होने लगता है।
क्या खाएं : फाइबर युक्त चीजें खासकर जौ, चना व गेहूं के आटे से बनी रोटी सुबह-शाम खाएं। छाछ व 100 ग्राम फल रोजाना खा सकते हैं।
न खाएं : चुकंदर, शकरकंद, आलू व मीठे से परहेज करें। टेबल सॉल्ट यानी खाने के ऊपर अलग से नमक डालने से बचें।
क्या करें : साथ में टॉफी हमेशा रखें और चक्कर आदि आने पर फौरन खा लें। रोजाना आधा घंटा व्यायाम करें।

किडनी रोगी दें ध्यान –
किडनी के मरीज को केराटिनिन की मात्रा को नियंत्रित रखने के अनुसार ही डाइट लेनी चाहिए। इन रोगियों को शरीर में पानी की कमी नहीं होने देनी चाहिए।
क्या खाएं : सब्जियों में पत्तागोभी, गाजर, खीरा आदि लें। फलों में स्ट्रॉबैरी, रसबैरी व ब्लूबैरी खाएं। दर्द में राहत के लिए ओमेगा-थ्री फैटी एसिड से भरपूर अखरोट खाएं।
ध्यान रहे : हरी पत्तेदार सब्जियों को पानी में उबालकर ही प्रयोग करें, इससे इनमें मौजूद सोडियम की मात्रा पानी में मिल जाएगी। बाद में इस पानी को फेंक दें।
क्या करें : रोजाना सुबह टहलना चाहिए जिससे शरीर में ऑक्सीजन की पूर्ति होती रहे और किडनी सही तरीके से काम करे।

अस्थमा के साथ
क्या खाएं : विटामिन, मिनरल और प्रोटीन युक्तचीजें खाएं। फलों में अंगूर, सेब, स्ट्रॉबैरी, अमरूद, संतरा और कीवी फायदेमंद हैं। हरी पत्तेदार सब्जियां, पत्तागोभी आदि को भोजन में शामिल करें।
क्या करें : ठंडी व खट्टी चीजों से परहेज करें। जिन चीजों से एलर्जी हो उनसे बचें। दवाओं को हमेशा साथ रखें। सांस संबंधी हल्का-फुल्का व्यायाम और योगा 10-15मिनट जरूर करें।

लिवर की तकलीफ
क्या खाएं : ऐसे मरीजों को नींबू व नारियल पानी, गन्ना, मूली, पालक, तुरई, लौकी, शलजम या गाजर का जूस पीना चाहिए। इससे लिवर पर जमे दूषित कण दूर होकर खून साफ होता है। अमरूद, तरबूज, नाशपाती, मौसमी, अनार, सेब, पपीता और आलूबुखारा जैसे फल खाएं।
क्या करें : सुबह 2-3 गिलास पानी पिएं। कम से कम 40-50 मिनट के लिए टहलें और प्राणायाम करें। भोजन करने के दौरान पानी न पिएं, आधे घंटे बाद पानी पिएं। चाय, कॉफी, शराब, धूम्रपान और जंकफूड से परहेज करें।

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