दोनों टी में एंटीऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। साथ ही इनका काम रोग प्रतिरोधक तंत्र को मजबूती देना है जिससे यह शरीर तंत्र में रोगों को बढ़ने या पनपने नहीं देता है। ऐसे में ये टी खराब जीवनशैली के कारण हुई बीमारियां जैसे मोटापा, थायरॉइड, हाई बीपी, आर्थराइटिस, डायबिटिज, हृदय संबंधी बीमारियों आदि को नियंत्रित रखने का काम करती है। फाइटोकेमिकल्स होने के कारण यह कैंसर की रोकथाम में भी मददगार है। चास आपके दिमाग काे सक्रिय करती है ( Tea Boost Brain Function )।
एक कप पानी उबालने के बाद इसमें एक-चौथाई चम्मच सफेद पत्तियां डालें। यदि ताजी पत्तियों का प्रयोग कर रहे हैं तो 7-8 पत्तियां पर्याप्त हैं। उसके बाद 5 से 10 मिनट के लिए उबले पानी को प्लेट से ढंक दें ताकि पत्तियों का पूरा असर पानी में आ जाए। उसके बाद इस पानी को छानकर धीरे-धीरे पिएं। एक कप गर्म पानी में एक टी बैग का भी प्रयोग कर सकते हैं। यह सुबह और शाम दो बार पिया जा सकता है।
उबले पानी में पत्तियों को साथ में न उबालें। इसके बजाय उबले में कुछ पत्तियों को डालकर रसोई को ढक दें। यदि आप डायबिटीज के मरीज हैं तो इसमें चीनी का प्रयोग बिल्कुल न करें। सामान्य लोग व कोई अन्य बीमारी से पीड़ित रोगी भी बिना चीनी के पीए हैं। अगर जरूरत महसूस हो तो बहुत कम मात्रा में चीनी लें।
जिनको इससे सभी हो या जिन्हें अल्सर आदि की समस्या हो वे न पिएं।