
महिलाएं चाहें गृहणी हों या वर्किंग,उन्हें सेहत का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। कारण उनमें स्त्रावित होने वाले हार्मोन्स जिनमें संतुलन बने रहना जरूरी है। महिलाओं में होने वाली ज्यादातर बीमारियों का कारण हार्मोन्स में असंतुलन होता है। दिनचर्या में यदि कुछ समय शारीरिक व्यायाम के लिए निकाला जाए तो सेहतमंद रहने के साथ ही रोगों से बचाव किया जा सकता है।
ऊष्ट्रासन
इसे कैमल पोज भी कहते हैं जिसमें शरीर की मुद्रा ऊंट जैसी बन जाती है। इसे करने के लिए घुटनों के बल बैठकर दोनों हाथ कूल्हों पर रखें। घुटने कंधों के समानांतर हों और पैरों के तलवे आसमान की तरफ। अब हथेलियों से तलवों को छुएं। इस दौरान सिर पीछे की ओर व आसमान की तरफ होगा। इस दौरान सामान्य सांस लें। कुछ देर इसी अवस्था में बरकरार रहें। धीरे-धीरे प्रारंभिक स्थिति में आएं।
कुंडलिनी योग
इससे हमारे शारीर के अंदर की ऊर्जा जागृत होती है। इसके लिए विभिन्न सांस लेने के व्यायाम, शारीरिक व्यायाम, मंत्रों का जप और ध्यान लगाने की क्रिया को करना पड़ता है। इससे अंदर की शक्ति बढऩे के साथ ही ७ चक्र उत्तेजित होते हैं। इन चक्रों के जागृत होते ही शरीर पर सकारात्मक असर पड़ता है और एकाग्र क्षमता में बढ़ोत्तरी होती है।
भुजंगासन
सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं। अब हथेली को कंधे की सीध में रखें। दोनों पैर सीधे और दोनों के बीच थोड़ी भी दूर नहीं होनी चाहिए। अब सांस लेते हुए शरीर के आगे वाले हिस्से को ऊपर उठाएं। ध्यान रखें कि इस दौरान कमर पर ज्यादा खिंचाव न हो। कुछ सैकंड इसी अवस्था में रहकर सांस छोड़ते हुए पुन: वाली स्थिति में आ जाएं। शुरुआत में ऐसा एक समय में दो से तीन बार करें। धीरे धीरे अभ्यास की गति और समय बढ़ा सकते हैं।
सर्वांगासन
पीठ के बल लेट जाएं। अब एकसाथ पैरों, कूल्हों और कमर को ऊपर उठाएं। इस दौरान सारा भार कंधे और गर्दन पर आ जाएगा। अब हाथों की मदद से कमर को ऊपर उठाकर रखें। इस दौरान कोहनी जमीन से सटी होंगी। कोशिश करें कि पूरा शरीर सीधा हो। पैर सीधे रखें। छाती को ठोड़ी से लगाकर रखें। कुछ देर इसी अवस्था में रुककर धीरे-धीरे प्रारंभिक अवस्था में आएं।
Published on:
15 Apr 2018 04:56 am
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