डिब्बा बंद, कोल्डस्टोरेज, वैक्स और रंगों वाले फल और सब्जियां लेने से एलर्जी, कब्ज, पेट संबंधी, मोटापा, गैस, हृदय संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं। इनफर्टिलिटी की समस्या इसमें प्रमुख है। लंबी दूरी से लाए जाने वाली सब्जियों, फलों को कच्चा तोड़ते हैं। इन्हें अधिक तापमान वाले कमरे में रखकर, रेफ्रिजरेटर और कार्बाइड से पकाते हैं। ऐसे फल और सब्जियां ऊपर से ताजे दिखते हैं, लेकिन अंदर से सड़े होते हैं। स्थानीय जगह पर मिलने वाली सब्जियां व फल सस्ते होते हैं। इनमें विटामिन सी, सॉलिड, बीटा कैरोटीन की मात्रा अधिक होती है। संरक्षित रखने से पोषक तत्त्वों में तेजी से कमी आती है।
मौसम के अनुसार फल-सब्जियां
गर्मी : आम, जामुन, तरबूज, खुबानी, नाशपाती, खरबूजा, लीची, स्ट्रॉबेरी, सीताफल, चेरी और सब्जियों में बीन्स, तोरई, लौकी, कद्दू, कटहल आदि। सर्दी: सेब, शकरकंद, संतरा, लाल अंगूर, कीवी, अनार, आंवला, अमरूद, केला, स्ट्रॉबेरी, चीकू और सब्जियों में गाजर, शलजम, कसूरी मेथी, सरसों साग, पालक, मूली, मटर, फूलगोभी, पत्तागोभी आदि मिलती है।
बारिश : आम, आड़ू, नाशपाती, चेरी, जामुन, आलू बुखारा आदि प्रमुख फल हैं। सब्जियों में लौकी, तोरई, टिंडा, करेला, भिंडी और सीताफल आदि हैं।