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आस्था का केन्द्र बना महुआ का पेड, असाध्य रोगों से मिल रही मुक्ति

महुआ के पेड में चमत्कार, आस्था या अन्धविश्वास

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Mahua tree became the center of faith, getting rid of incurable diseases

Mahua tree became the center of faith, getting rid of incurable diseases

डिंडोरी. जिले में एक महुआ का पेड़ चर्चा का केन्द्र बना हुआ है। अंधविश्वास या यूं कहे आस्था के चलते यहां भारी तादाद में लोग दर्शन को उमड़ रहे है। ऐसा माना जा रहा है कि यहां जो भी रोगी आस्था के साथ आकर पूजन करता है उसे पुराने असाध्य रोगों में आराम मिलता है। ग्रामीणों का तो यहां तक कहना है कि महुआ के इन वृक्षों में देवी शक्ति के होने का प्रभाव है। कलयुग में इस प्रकार के देवी चमत्कारों के प्रति लोगों में भिन्न भिन्न धारणाएं है। बहरहाल आस्था और अंधविश्वास के बीच उपजे इस घटनाक्रम में लोगों की निगाहें बनी हुई हैं। जिला मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर दूर डिंडोरी से जबलपुर मुख्य मार्ग पर टिकरिया के ददरा क्षेत्र में इन दिनों महुआ देवी की आस्था का डंका पूरे गांव में बज रहा है। ग्रामीणों की माने तो महुआ के इन 4 वृक्षों में अज्ञात देवी शक्ति का प्रभाव है। ऐसा माना जा रहा है कि यह जो भी रोगी आस्था के साथ आकर पूजन करता है उसके पुराने असाध्य रोगों में आराम मिलता है। भूमि स्वामी झगलू लाल यादव की मानें तो उसे भी अपने खेत में लगे महुआ के पेड़ों में किसी देवी शक्ति के होने की कोई जानकारी नहीं थी किंतु पिछले कुछ दिनों से अपने खेतों में हलचल हो रही देखकर उसका ध्यान आकर्षित हुआ। झगरू लाल का कहना है कि पिछले आठ-दस दिनों से यहां पर लोग आस्था के साथ आ रहे हैं और पूजा पाठ कर रहे हैं। बता दें कि मुख्य मार्ग से महुआ के इन वृक्षों तक पहुंचने के लिए आस्थावान लोगों ने प्राथमिक तौर पर वाहनों के आने जाने का मार्ग भी तैयार कर दिया है। देखा गया कि महुआ के वृक्ष में लाल धागा और बड़ी संख्या में नारियल फूल बेलपत्र चढ़ी हुई है। स्कूली छात्र छात्राएं भी महुआ देवी के प्रभाव को सुनकर बेहतर परिणाम की आशा लेकर यहां पहुंचे जिन्होंने पूजन पाठ कर परीक्षा के बाद आने वाले परिणामों के लिए आशीर्वाद मांगा। यहां पर आने वाले सुदर्शन सिंगरौर ने बताया कि उसे भी इस स्थान के बारे में किसी महिला से पता चला था। अपनी पत्नी को लेकर यहां आया था उसे और उसकी पत्नी को कमर और पैर के दर्द में काफी राहत मिली।