
National pyramidal garden can be seen in the dunga dinosaur egg
डिंडोरी. आदिवासी बाहुल्य डिंडोरी जिले के शहपुरा विकासखंड में निवास रोड पर लगभग चौदह किलोमीटर दूर स्थित घुघवा पार्क देश का पहला ऐसा राष्ट्रीय फासिल्स उद्यान है, जहां करोड़ों वर्ष पुराने वृक्षों के फासिल्स संरक्षित करके रखे गये हैं। जैसे ही आप घुघवा पहुंचते है, तो मुख्य द्वार पर ही डायनासोर की दो आदमकद मूर्तियाँ आपका स्वागत कर रही होती हैं। 0.27 वर्ग किलोमीटर में फैले इस पार्क में एक संग्रहालय भी है, जहाँ वर्षों पुराने जीवाश्मों को काँच के शो-केश में रखा गया है एवं इनके नजदीक ही इन जीवश्मों से संबंधित जानकारी भी चस्पा की गई है। ताकि पर्यटकों को परेशानियों का सामना न करना पड़े।
क्या हैं जीवाश्म
पार्क में जीवश्मों से संबंधित जो जानकारी दी गई है, उसके मुताबिक जीवाश्म तब बनते हैं जब खनिज पदार्थ धीरे-धीरे मृत जानवर या पौधे के शरीर के कणों का प्रतिस्थापन करते हैं। जिससे मृत जानवर पत्थर में बदल जाता है। पर उसका रूप वही रहता है, जो कि मूल जानवर या पौधे का था।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक घुघवा राष्ट्रीय जीवाश्म उद्यान की खोज मंडला जिले के तत्कालीन सांख्यकीय अधिकारी डॉ. धर्मेंद्र प्रसाद, एएसआर इंगले और डॉ. एमबी बांदे द्वारा की गई थी। जिसे 5 मई 1983 को राष्ट्रीय जीवाश्म उद्यान घोषित किया गया था। कभी मंडला जिले की विरासत रहा यह उद्यान 1998 में डिंडोरी के पृथक जिला बनाए जाने से डिंडोरी जिले में आ गया और तब से ही इसकी देख रेख वन विभाग डिंडोरी की देखरेख में हो रही है।
पार्क की विशेषता
यदि उद्यान की विशेषता की बात की जाये तो सबसे बड़ी विशेषता तो यही है कि यहाँ मौजूद जीवाश्म और फासिल्स धरती के 6.50 लाख वर्ष पुराने इतिहास को दर्शाते हैं और दर्शनीय बनाते है। इस पार्क में ताड़ के पेड़ों के जीवाश्म भारी तादाद में देखे जा सकते हैं। इसके अलावा शो-केश में संरक्षित पेड़-पत्तियों के क्लेमर्स और फल-फूल के बीजों एवं डायनासोर के अंडे का जीवाश्म भी देखा जा सकता है।
यह है फासिल्स का इतिहास
लाखों वर्ष पुराने इतिहास को दर्शाती जानकारी यह बताती है कि उस समय गोंडवाना क्षेत्र की जलवायु एकदम भिन्न थी। जिससे गोंडवाना का यह क्षेत्र सदाबहार वनों से आच्छादित रहा तथा 2000 मिलीमीटर तक वर्षा हुआ करती थी। यह केटेशियश युग का मध्यकाल था तथा जीवाश्म काष्ट के फिसिअन ट्रंक डेटिंग पोलियोमैग्नेटिक रेडिओमेट्रिक डेटा के निष्कर्ष अनुसार इन फासिल्स की आयु लगभग 6.50 करोड़ वर्ष आंकी गई है।
Published on:
12 Jul 2019 10:35 am
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