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आपको भी Diabetes है? तो हो जाइए सावधान, हो सकती है डिमेंशिया जैसी खतरनाक बीमारी

Diabetes and Dementia : डिमेंशिया एक ऐसी बीमारी होती है, जिसमें व्यक्ति की याददाश्त, भाषा, समस्या-समाधान के अलावा सोचने- समझने की क्षमता कम हो जाती है। अल्जाइमर डिमेंशिया का सबसे प्रमुख कारण है। इस बीमारी में लोगों को बढ़ती उम्र के साथ भूलने की बीमारी होने लगती है।

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type 2 diabetes and dementia

type 2 diabetes and dementia

Diabetes and Dementia : आज के समय में डायबिटीज एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है, और खासकर टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) का प्रभाव व्यक्ति के पूरे शरीर पर पड़ता है। इसके दुष्प्रभाव केवल शारीरिक नहीं होते, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डाल सकते हैं। टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) से ग्रसित व्यक्ति को डिमेंशिया (Dementia) जैसी खतरनाक मानसिक बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है। आइए जानते हैं कैसे डायबिटीज डिमेंशिया का कारण बन सकती है।

डिमेंशिया Dementia

डिमेंशिया (Dementia) एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति की याददाश्त, सोचने की क्षमता और समस्या हल करने की क्षमता कमजोर हो जाती है। इसका सबसे आम कारण अल्जाइमर रोग है, लेकिन डायबिटीज (Diabetes) भी इस मानसिक गिरावट का एक प्रमुख कारण बन सकता है। इस बीमारी में लोग अपना नाम, पता या रोज़मर्रा की महत्वपूर्ण जानकारी भूलने लगते हैं।

टाइप 2 डायबिटीज और डिमेंशिया का कनेक्शन The connection between type 2 diabetes and dementia

विशेषज्ञों का कहना है कि टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) से पीड़ित लोगों में डिमेंशिया (Dementia) होने का खतरा अधिक रहता है। इसका कारण यह है कि इस प्रकार की डायबिटीज में इंसुलिन ठीक से काम नहीं करता, जिससे रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। यह बढ़ा हुआ ग्लूकोज मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है, जिससे डिमेंशिया की संभावना बढ़ जाती है।

मस्तिष्क में सूजन और ऑक्सीजन की कमी

टाइप 2 डायबिटीज(Type 2 Diabetes) मस्तिष्क में सूजन पैदा कर सकती है, जो डिमेंशिया (Dementia) के विकास में सहायक हो सकती है। साथ ही, डायबिटीज की वजह से मस्तिष्क को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, जिससे मस्तिष्क की कोशिकाएं कमजोर हो जाती हैं और धीरे-धीरे उनका कार्यक्षमता कम हो जाती है।

एमीलॉइड प्रोटीन और अल्जाइमर

कुछ शोधों में यह पाया गया है कि डायबिटीज मस्तिष्क में एमीलॉइड प्रोटीन के संचय को बढ़ावा देती है। यह वही प्रोटीन है जो अल्जाइमर रोग के लक्षणों से जुड़ा होता है। इस कारण डायबिटीज से पीड़ित लोगों में अल्जाइमर और अन्य डिमेंशिया (Dementia) रोगों का खतरा बढ़ सकता है।

हृदय स्वास्थ्य का भी मस्तिष्क पर प्रभाव

डायबिटीज के कारण व्यक्ति के हृदय और रक्तवाहिकाओं पर भी असर पड़ता है। स्ट्रोक और कार्डियोवैस्कुलर समस्याएं, जो डायबिटीज के कारण हो सकती हैं, मस्तिष्क के स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं और डिमेंशिया (Dementia) के जोखिम को और बढ़ाती हैं।

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क्या किया जा सकता है?

यदि आपको टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) है, तो अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव करके आप डिमेंशिया के जोखिम को कम कर सकते हैं:

  • स्वस्थ आहार: ऐसा आहार लें जिसमें ताजे फल, सब्जियां और कम वसा वाले उत्पाद शामिल हों।
  • नियमित व्यायाम: रोज़ाना शारीरिक गतिविधियों में भाग लें।
  • ग्लूकोज स्तर की निगरानी: नियमित रूप से अपने ग्लूकोज स्तर की जांच करें और डॉक्टर के परामर्श से उपचार करें।
  • मस्तिष्क को सक्रिय रखें: मस्तिष्क को तेज बनाए रखने के लिए नियमित रूप से मानसिक चुनौतियों का सामना करें, जैसे पढ़ाई, पहेलियां हल करना या नई चीज़ें सीखना।

टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) सिर्फ एक शारीरिक समस्या नहीं है, यह मस्तिष्क पर भी गहरा असर डाल सकती है। इससे डिमेंशिया का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए डायबिटीज से ग्रसित लोगों को मस्तिष्क और शरीर दोनों की देखभाल पर ध्यान देना चाहिए।