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इन चीजों को खाएंगे तो पिता बनने की राह मुश्किल

Fertility problems in men : अगर आप नहीं चाहते कि आपका स्पर्म काउंट कम (low sperm count) हो तो आपको इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि आप क्या खा रहे हैं और आपको क्या नहीं खाना चाहिए। पुरषों को भी यह समझना जरूरी है कि अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखना इस बात पर निर्भर करता है कि हम क्या खाते हैं।

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low sperm count

Fertility problems in men : low sperm count

क्या आपका भी स्पर्म काउंट कम है ? low sperm count

कौनसी चीजें पुरुष गलत खा रहे हैं जिससे होता है low sperm count

low sperm count से बचें....

उन चीजों से दूर रहें जो पुरुषों में फर्टिलिटी (low sperm count) की समस्या पैदा कर सकती हैं


अगर आप नहीं चाहते कि आपका स्पर्म काउंट कम (low sperm count) हो तो आपको इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि आप क्या खा रहे हैं और आपको क्या नहीं खाना चाहिए। पुरषों को भी यह समझना जरूरी है कि अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखना इस बात पर निर्भर करता है कि हम क्या खाते हैं। आपकी सेहत आपके डाइट प्लान पर निर्भर करती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कुछ खाद्य पदार्थ स्पर्म की क्वालिटी को नुकसान पहुंचाने के लिए जाने जाते हैं। इसके अलावा स्पर्म काउंट को भी नुकसान पहुंचाते हैं।

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क्या है स्पर्म काउंट ?
(low sperm count)
क्या आपका भी स्पर्म काउंट कम है ?

स्पर्म की संख्या का उपयोग करके प्रजनन क्षमता यानि फर्टिलिटी का आकलन किया जा सकता है।
यदि कोई पुरुष प्रत्येक एजाकुलेशन में 39 मिलियन से कम स्पर्म काउंट करता है, तो उसका स्पर्म काउंट सामान्य से कम माना जाएगा। इसके लिए डॉक्टर्स ओलिगोस्पर्मिया (Oligospermia) टर्म का भी उपयोग करते हैं।

भारत में इंफर्टिलिटी रेट
इंडियन सोसाइटी ऑफ असिस्टेड रिप्रोडक्शन (ISAR) के अनुसार, इंफ्रैटिलिटी पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित कर सकता है। इंफर्टिलिटी से भारत में 10-14% जोड़े प्रभावित हो चुके हैं।

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पुरुष प्रजनन (Male Fertility) क्षमता के लिए क्या नहीं खाना चाहिए

- प्रोसेस्ड मीट Processed meat
ऑर्गेनिक मीट ठीक है लेकिन प्रोसेस्ड मीट आपके स्पर्म प्रोफाइल पर प्रभाव डाल सकता है। प्रोसेस्ड मीट वो मांस है जिसे ज्यादा समय तक ताजा रखने के लिए रसायन, प्रीजरवेटिव के साथ मिलाकर रखा जाता है। एक रिसर्च में पता चला है कि प्रोसेस्ड मीट के अत्यधिक सेवन से स्पर्म की संख्या में कमी आ सकती है। यह स्पर्म फर्टिलिटी को 23 प्रतिशत तक कम कर सकता है।

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हाई फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट्स High fat dairy products
डेयरी उत्पादों को आमतौर पर बहुत फायदेमंद माना जाता है, लेकिन नए शोध से पता चला है कि पनीर और फुल क्रीम दूध जैसे हाई फैट वाले डेयरी उत्पाद पुरूषों के रिप्रोडक्शन सिस्टम पर हानिकारक प्रभाव डाल सकते हैं। फुल-फैट डेयरी प्रोडक्ट्स में एस्ट्रोजेन की मात्रा होती है। साथ ही, इन प्रोडक्ट्स में गायों को दी जाने वाली दवाओं के अवशेष भी हो सकते हैं, जो प्रजनन प्रणाली को प्रभावित कर सकते हैं।


अल्कोहल/ ड्रग्स/ स्मोकिंग Alcohol / Drugs / Smoking
शराब, ड्रग्स आदि के नियमित सेवन से व्यक्ति के रिप्रोडक्टिव हेल्थ पर असर पड़ता है। यह प्रमुख रूप से पुरुष और महिलाओं दोनों लिंगों में प्रजनन स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। जो पुरुष बहुत अधिक शराब पीते हैं, उनमें आमतौर पर फर्टिलिटी की समस्या जैसे लो स्पर्म काउंट, कम टेस्टोस्टेरोन का स्तर आदि विकसित हो जाते हैं।

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कार्बोनेटेड ड्रिंक्स carbonated drinks
जो पुरुष कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, कोला और एनर्जी ड्रिंक का सेवन करते हैं, उन्हें स्पर्म काउंट कम होने की समस्या का अनुभव हो सकता है।
प्रतिदिन एक क्वार्टर कार्बोनेटेड ड्रिंक्स का सेवन करने से स्पर्म की संख्या में 30% की कमी आ सकती है।

ट्रांस फैट्स Trans fats
ट्रांस फैट का सेवन पुरषों के रिप्रोडक्टिव हेल्थ के साथ जुड़ा हुआ है। पके हुए या तले हुए खाद्य पदार्थों में ट्रांस वसा की महत्वपूर्ण मात्रा होती है। केक, कुकीज, पाई, बिस्कुट, फ्राइड चिकन और फ्रेंच फ्राइज़ जैसे खाद्य पदार्थों में ट्रांस फैट का स्तर अधिक होता है।

पुरुष फर्टिलिटी को बढ़ाने के लिए यहां कुछ आसान उपाय दिए गए हैं- Easy ways to increase male fertility

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उचित और स्वस्थ नींद लें- Get proper and healthy sleep-
8 घंटे की स्वस्थ नींद आपके तनाव को दूर करने में काफी मदद करती है। एक हेल्थी रिप्रोडक्टिव सिस्टम के लिए स्वस्थ नींद भी आवश्यक है और जो स्वस्थ शुक्राणुओं के उत्पादन को बढ़ावा देती है।

लाइकोपीन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें- Consume foods containing lycopene
इनमें टमाटर, तरबूज, अमरुद आदि शामिल हैं। लाइकोपीन शरीर में उच्च गुणवत्ता वाले शुक्राणुओं के उत्पादन में तेजी से सहायता करता है और लो स्पर्म काउंट के रिस्क को कम करता है।

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।