
डेंगू के बाद मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द की समस्या हो सकती है। कई बार इसके बाद रिएक्टिव रूमेटाइड आर्थ-राइटिस के मामले भी देखे जाते हैं। इम्युनिटी कमजोर होने पर डेंगू व इससे जुड़ी अन्य समस्याएं गंभीर भी हो सकती हैं। ऐसे में शरीर की रोगों से लडऩे की क्षमता में सुधार के लिए स्वस्थ खानपान अपनाएं।
दर्द का कारण जानिए
डेंगू में शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता वायरस से लड़ती हैं। इस दौरान बहुत-से टॉक्सिन निकलते हैं और ये मांसपेशियों में चले जाते हैं। ये ही दर्द का कारण होते हैं। साथ ही इससे सी-रिएक्टिन प्रोटीन की मात्रा भी बढ़ जाती है। इस वजह से भी मांसपेशियों में दर्द बढ़ जाता है।
गठिया इसलिए
रिएक्टिव रूमेटाइड आर्थराइटिस के मामले भी तभी सामने आते हैं, जब ये टॉक्सिन, जोड़ों में चले जाएं। इससे यह आशंका रहती है। ऐसी स्थिति में एक्सरसाइज या योग जैसी एक्टिविटी करने से बचें। इनसे स्थिति ज्यादा गंभीर हो सकती है।
दर्द निवारण के लिए
इन स्थितियों में दर्द से निवारण के लिए विशेषज्ञ से परामर्श के आधार पर दर्द निवारक दवाइयां ली जा सकती हैं लेकिन जीवनशैली में अच्छे बदलाव लाते हुए बेहतर खानपान अपनाएं। कोरोना के बाद डेंगू की प्रकृति में कोई बदलाव नहीं आया है। समय पर प्लेटलेट्स की जांच भी करवाएं। मानसिक रूप से इस बुखार को भी अन्य वायरल फ्लू जैसा मानें, लेकिन सावधानी रखें। प्लेटलेट्स लगातार डाउन जा रहे हों तो रोगी को अस्पताल ले जाएं।
पानी अधिक पीएं
शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकालने के लिए भरपूर मात्रा में पानी पीएं। दरअसल, पानी ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है। कमजोरी आने पर ताजा आहार, फल-सब्जियां सहित अच्छी डाइट लें। लेकिन ऐसा न हो कि दर्द या बुखार में खाना बंद कर दें, बल्कि परामर्श के आधार पर खाएं।
खुद से कोई दवा न लें
हैमरेजिक या शॉक्ड सिंड्रोम जैसे डेंगू के मामलों में मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत होती है। इसके लिए किसी देसी नुस्खे को न आजमाएं। यह ध्यान रखें कि प्लेटलेट काउंट्स कम न हों। रोगी को तनाव से अधिक से अधिक दूर और शांत रखें।
Updated on:
23 Sept 2023 06:15 pm
Published on:
23 Sept 2023 06:14 pm
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