scriptB Alert – बेहद खतरनाक है मनचाउसेन सिंड्रोम, बच्चाें काे हाेता है खास खतरा | Manchausen syndrome is dangerous, childrens have a special hazard | Patrika News

B Alert – बेहद खतरनाक है मनचाउसेन सिंड्रोम, बच्चाें काे हाेता है खास खतरा

locationजयपुरPublished: Jan 01, 2019 04:27:04 pm

मनचाउसेन सिंड्रोम का ही एक विलक्षण प्रतिरूप है मनचाउसेन सिंड्रोम बाई प्रॉक्सी

munchausen syndrome

B Alert – बेहर खतरनाक है मनचाउसेन सिंड्रोम, बच्चाें काे हाेता है खास खतरा

मनचाउसेन सिंड्रोम का ही एक विलक्षण प्रतिरूप है मनचाउसेन सिंड्रोम बाई प्रॉक्सी। इस रोग में व्यक्ति अपने बच्चे या बीवी में किसी रोग के लक्षण दिखाकर या पैदा कर इलाज और ऑपरेशन करवाता है। मनचाउसेन सिंड्रोम में व्यक्ति जहां खुद को बीमार समझता है वहीं इस रोग में व्यक्ति स्वयं में रोग के लक्षण दिखाने की बजाय ‘प्रॉक्सी’ द्वारा अपने आश्रित को पीड़ित दिखाकर ध्यान चाहता है।
पश्चिमी देशों में जहां चाइल्ड नेग्लेक्ट और चाइल्ड बैट्टरिंग आम हैं वहां महिलाओं में मनचाउसेन सिंड्रोम बाई प्रॉक्सी के सैकड़ों मामले रिपोर्ट हुए हैं। इस रोग से पीड़ित मां बच्चे को उसमें किसी शारीरिक, मानसिक या आचरण संबंधी रोग के लक्षणों के लिए लाती है। ये लक्षण बढ़ा चढ़ा कर इस तरीके से बताए जाते हैं कि डॉक्टर रोग को गंभीरता से ले और मां के प्रति सहानुभूति जताए। छोटे बच्चों में ये लक्षण सर्वथा मनगढ़न्त होते हैं। चिंता और ममता की प्रतिमूर्ति बनी मां डॉक्टरों को इलाज की एक के बाद एक ऊंची, खर्चीली व जोखिम भरी विधि अपनाने को बाध्य करती है। यह जताने के लिए कि वह बच्चे के लिए कितना कुछ कर रही है, खासकर जहां इलाज का खर्चा इंश्योरेंस कंपनी या सरकार उठाती हो। इसी में उसे आत्मतुष्टि मिलती है। कभी-कभी तो इस तरह के मामलों में बच्चे की मृत्यु तक हो जाती है।
पश्चिमी देशों के न्यायालयों में ऐसे अनेक केस आए हैं और महिलाओं को लंबी जेल हुई है। दुखद पहलू यह है कि अनजाने में, भुलावे में ही सही बच्चे के साथ हुए दुव्र्यवहार में डॉक्टर भी सक्रिय भागीदार होते हैं। डॉक्टर असाधारण निदान और उपचार की विधियां अपनाते हैं जो बच्चे को और भी अधिक कष्ट पहुंचाती हैं। बच्चा एक से दूसरे विशेषज्ञ के पास ले जाया जाता है।
जूली ग्रेगरी नामक महिला ने अपनी किताब में बताया है कि इस रोग से ग्रसित उसकी मां बचपन में कैसे उसे समझा बुझा कर गंभीर बीमारी का स्वांग करने के लिए ले जाती थी। अपनी तकलीफ को बढ़ा चढ़ा कर कहने को कहती थी, डॉक्टरों से जटिल निदान और इलाज की प्रक्रिया अपनाने को कहती थी। इसी रोग से पीडि़त लिसा हेडेन जोह्नसन का मामला उजागर होने पर उसे 3 साल 3 महीने की जेल हुई। उसने अपने बच्चे पर 325 चिकित्साकर्म करवाए। इसमें बच्चे की नाक से ट्यूब डालकर खाना देने और विकलांग बनाकर व्हील चेयर पर रखना भी शामिल था। इस महिला का दावा था कि उसका बच्चा डायबिटीज, खाने से ‘एलर्जी’, ‘सेरिब्रल पाल्सी’ व ‘सिस्टिक फाइब्रोसिस’ जैसी बीमारियों से ग्रसित ब्रिटेन का सबसे दुखी बच्चा था। इसके लिए उसे लोगों से काफी आर्थिक सहायता, उपहार और अन्य सुविधाएं भी मिली थीं।

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