27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

ओपन एमआरआई से धमनियों में ब्लॉकेज की जांच

एनीस्थीसिया देकर पैरों की नसों के रास्ते से कैथेटर व इंजेक्शन के माध्यम से दवा देकर कारण पता लगाते हैं

less than 1 minute read
Google source verification
blood

ओपन एमआरआई से धमनियों में ब्लॉकेज की जांच

धमनियों में ब्लॉकेज का कारण जानने के लिए एंजियोग्राफी की जाती है। जिसमें मरीज को एनीस्थीसिया देकर पैरों की नसों के रास्ते से कैथेटर व इंजेक्शन के माध्यम से दवा देकर कारण पता लगाते हैं। इससे धमनियों के फटने व दवा के साइडइफेक्ट का खतरा भी रहता है। लेकिन नई मशीन ओपन एमआरआई (3.0 टेस्ला) से इसकी जांच करना आसान और सुविधाजनक है।

अधिक फ्रीक्वेंसी
जांच के लिए मरीज को एक मशीन से जुड़ी टेबल पर लेटाते हैं। इसके बाद उसकी बॉडी स्कैन होती है जिससे कई इमेज मिलती हैं। इनकी मदद से हृदय में धीमे रक्तसंचार, धमनियों में ब्लॉकेज व सीने में दर्द (एनजाइन पेन) के कारणों का पता लगाया जाता है। ऐसा मशीन की फ्रीक्वेंसी के कारण संभव हुआ। अब तक होने वाली एमआरआई की फ्रीक्वेंसी 1.5 टेस्ला थी लेकिन ओपन एमआरआई की फ्रीक्वेंसी 3.0 है। इससे धमनियों से जुड़ी समस्या को बेहद बारीकी से देखने के बाद इलाज आसान हो सकेगा।

अधिक सुविधाजनक
इस मशीन से जांच के दौरान कोई आवाज नहीं होती। आमतौर पर सामान्य एमआरआई के दौरान जिन मरीजों को मशीन में जाने के दौरान डर या घबराहट होती थी उनके लिए यह बेहतर है। अधिक वजन के मरीजों को भी इस एमआरआई के दौरान तकलीफ नहीं होगी। यह जांच मेट्रो शहरों में उपलब्ध है। जल्द ही इसकी शुरुआत जयपुर के सरकारी अस्पतालों में होगी।