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सोते समय पैरो में दर्द, बेचैनी या आता है पसीना, तो समझ लें शरीर में पनप रहीं ये बीमारियां

सोते समय अगर आए दिन आपके खलल पड़ रहा है तो आप किसी न किसी बीमारी के शिकार जरूर हैं। यदि सोते समय पैरों में दर्द, पसीना आना या बेचैनी महसूस होती है तो आपको इसे गंभीरता से लेना चाहिए, क्योंकि ये शरीर में पनप रही बीमारियों का संकेत होता है।

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Ritu Singh

Mar 24, 2022

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कई बार हमें नींद तो आसानी से आ जाती है, लेकिन बीच नींद में अचानक से नींद खुल जाती है। इसकी वजह कुछ भी हो सकती है। ऐसा अगर बार-बार होता है तो ये सही संकेत नहीं। नींद में बार-बार जागना कई बीमारियों के होने का संकेत होता है। तो चलिए जाने की नींद में खलल पड़ने के क्या कारण होते हैं और इस कारण के पीछे क्या वजह हो सकती है।

नींद टूटने की वजह और बीमारियों का संकेत

खर्राटे- भले ही आप ये सोचे कि खर्राटे भरकर सोने वाला इंसान चैन की नींद लेता है, लेकिन ये बिलकुल उलटा है। असल में खर्राटे नींद दूसरे के खलल का ही कारण नहीं होते, बल्कि खर्राटे लेने वाले के लिए भी ये उतने ही खलल पैदा करते हैं। खर्राटे की वजह से नींद पूरी नहीं होती,क्योंकि कई बार सांस लेने में दिक्कत होती है। वहीं सांस का अटकना, दम घुटने जैसा महसूस होना आदि की समस्या होती है। स्लीप एपनिया का ये बड़ा कारण होता है। खर्राटों को अगर गंभीरता से न लिया जाए तो वह जानलेवा भी हो सकते हैं। हाल ही में गायक और संगीतकार बप्पी लहरी की मौत का कारण भी यही था। वहीं, स्लीप एपनिया के शिकार लोग अक्सर नींद से जागने पर सिरदर्द और थकान महसूस करते हैं। उन्हें अक्सर एकाग्र होने या किसी चीज पर फोकस करने में भी मुश्किल होती है।

एन्जाइटी- जब भी किसी को एन्जाइटी होगी तय है नींद अच्छी नहीं आएगी। नींद में बेचैनी महसूस होना या बार-बार नींद का खुलना इसकी वजह बन सकता है। एन्जाइटी इन्सोमनिया और एन्जाइटी डिसॉर्डर जैसी दिक्कत को बढ़ाता है। कई बार डिप्रेशन, एन्जाइटी, स्ट्रेस, पैनिक डिसॉर्डर और पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसॉर्डर नींद में खलल के कारण ही होता है। बाद में ये गंभीर मानसिक बीमारी में बदल सकता है।

पैरों में बेचैनी- कई लोगों में पैरों का दर्द विशेषकर रात में हाेता है, वह भी तब जब वह सोने जाते हैं। सोते ही पैरों में फटन, दर्द, झनझनाहट आदि का अनुभव 'रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम' का लक्षण होता है। कई बार सोना तक मुश्किल हो जाता है. यह समस्या पुरुषों के मुकाबले मिडिल एज की महिलाओं में ज्यादा देखी जाती है। रेस्टलेस लेग नर्व से जुड़ी समस्या भी होती है।

पसीना आना- सोते-सोते अचानक से शरीर क्या पसीने से लथपथ हो जाता है? पसीना आना नींद में एक गंभीर समस्या की ओर इशारा करता है। कई बार मीनोपॉज के दौरान हार्मोन में बदलाव की वजह से ऐसा होता है लेकिन इसके पीछे कई और वजह भी जिम्मेदार हो सकते हैं। एंटीडिप्रेसन्ट, स्टेरॉयड और पेनकिलर्स की अधिकता के कारण भी रात में पसीना आता है। बता दें कि रात में पसीना आना कैंसर का भी एक लक्षण होता है।

बार-बार यूरिन आना- रात में बार-बार यूरिन आना नोक्टूरिया कहा जाता है। अगार आपके साथ ये समस्या हो रही तो ये डायबिटीज के साथ किडनी और प्रोस्टेट की खराबी का संकेत हो सकती है। कैफीन, एल्कोहल, स्मोकिंग इस समस्या को और बढ़ाते हैं।

बहुत ज्यादा थकान- कुछ लोगों को दिन या रात के समय नींद तो थकान के कारण आ जाती है, लेकिन बीच रात या सुबह उठना उनके लिए मुश्किल होता है। ये एनीमिया का लक्षण हो सकता है। इसमें ऊर्जा की कमी, स्किन में पीलापन, सिरदर्द, चक्कर आना और हाथ-पैर ठंडे पड़ने जैसे लक्षण नजर आते हैं। कई बार थायरॉइड की वजह से भी बहुत ज्यादा थकान हो सकती है। इसमें वजन बढ़ने और मांसपेशियों में दर्द जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इन वजहों से भी रात में बार-बार नींद खुलती है।

(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सभी जानकारियां सूचनात्मक उद्देश्य से लिखी गई हैं। इनमें से किसी भी सलाह पर अमल करने या किसी तरीके को अपनाने का फैसला आपका व्यक्तिगत निर्णय होगा। किसी भी निष्कर्ष तक पहुंचने से पहले कृपया किसी विशेषज्ञ से परामर्श जरूर करें।)