28 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पेट के कैंसर का ये है मुख्य लक्षण, तुरंत डॉक्टरी सलाह लें

कैंसर घातक तब होता है, जब इस रोग का पता बहुत देर बाद होता है, इंसान की लापरवाही बनती है जानलेवा...

2 min read
Google source verification
stomach cancer

stomach cancer

आधुनिकता ने लोगों के जीने का तरीका बदल दिया है। भागमभाग मची है। क्या खाना है क्या नहीं खाना...कुछ तय नहीं...कब सोना है, कब जागना है, कुछ तय नहीं...। नतीजा बीमारी। बीमारी भी ऐसी, जो जाने ले ले। कैंसर के बढ़ते केसेस में इंसान की लाइफ स्टाइल का बहुत बड़ा हाथ है। इसी लाइफ स्टाइल का नतीजा है पेट का कैंसर। इसके शुरुआती लक्षणों से आसानी से पहचाना जा सकता है। जी हां, पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड के मुताबिक, अगर किसी व्यक्ति को तीन हफ्ते से ज्यादा सीने में जलन या भोजन निगलने में परेशानी हो, तो इस कंडीशन में तुरंत डॉक्टरी सलाह ले लेनी चाहिए, क्योंकि ज्यादातर लोग पेट के कैंसर के शुरुआती लक्षणों के बारे में नहीं जानते। विशेषज्ञों की मानें, तो पेट के कैंसर को पहचानने का ये सबसे अहम लक्षण है।

लक्षणों की पहचान

कैंसर के लक्षण जितनी जल्दी पहचान लिए जाएं, कैंसर का इलाज उतना ही आसान हो जाता है। यही वजह है कि पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड का "बी क्लियर ऑन कैंसर" अभियान लोगों का ध्यान पेट के कैंसर के शुरुआती लक्षणों की तरफ खींच रहा है। ये लक्षण बहुत मामूली भी हो सकते हैं, जैसे, तीन हफ्ते से ज्यादा अपच रहना, खाना निगलने में परेशानी होना, बिना वजह वजन कम होना, बहुत डकार आना, भोजन करते हुए बहुत जल्दी पेट भर जाना, उल्टी आना या ऐसा महसूस होना, पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द होना या असुविधा महसूस करना।

लापरवाही क्यों?
ब्रिटिश जर्नल ऑफ जनरल प्रैक्टिस में प्रकाशित एक शोध ने इस बात पर भी गौर किया कि लोग इन शुरुआती लक्षणों पर ध्यान क्यों नहीं देते। कुछ लोग कैंसर की पुष्टि होने से डरते हैं, तो कुछ अपनी स्वास्थ्य समस्याओं पर बात ही नहीं करना चाहते। कुछ लोगों को अपने डॉक्टर पर अधिक भरोसा नहीं होता और कुछ यह मान लेते हैं कि उनकी ये समस्या बढ़ती उम्र से जुड़ी है। इस अभियान के जरिए ये उम्मीद जताई जा रही है कि लोग इन लक्षणों के प्रति लापरवाही नहीं बरतेंगे और कैंसर से सफलतापूर्वक निपट सकेंगे। जिस तरह सड़क सुरक्षा के लिए एक स्लोगन 'सावधानी हटी, दुर्घटना घटी' बहुत सटीक है, ठीक उसी तरह कैंसर है...जरा-सी लापरवाही जानलेवा हो सकती है।