
Why Virat Kohli turned vegetarian from non-vegetarian
Why did Virat Kohli become a vegetarian : भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली (Virat kohli) विश्व में सबसे लोकप्रिय क्रिकेटर हैं। वे अपनी शानदार बल्लेबाजी के साथ-साथ अपनी फिटनेस और डिसिप्लिन लाइफस्टाइल के लिए भी जाने जाते हैं, लेकिन वर्कआउट के साथ उनकी हेल्दी डाइटिंग भी उनकी फिटनेस का कारण है। कोहली ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपनी फिटनेस के बारे में बहुत कुछ बताया है, जिसमें उन्होंने नॉनवेज खाना छोड़ने का कारण भी बताया।
विराट कोहली (virat kohli) ने वेजिटेरियन बनने के कारणों पर विस्तार से चर्चा की है। इंटरव्यू में, उन्होंने बताया कि 2018 में उनके शरीर में तेज दर्द होने लगा। उन्हें दर्द होने के कारण तुरंत जांच की गई, जिसमें पता चला कि उनके शरीर में बहुत अधिक यूरिक एसिड था। इससे उनकी सेहत प्रभावित हुई। इसे कम करने के लिए खाना बदलना अत्यंत आवश्यक था। उन्हें नॉनवेज खाने से पूरी तरह परहेज करना पड़ा और अपनी डाइट में बदलाव करना पड़ा।
यूरिक एसिड एक तरह का अपशिष्ट पदार्थ है होता है जो हमारे शरीर में बनता है। जब यह शरीर में ज्यादा मात्रा में जमा हो जाता है, तो यह गठिया, किडनी स्टोन और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
शाकाहारी आहार में कैलोरी कम होती है और फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है, जिससे वजन कम करना आसान हो जाता है।
इसमें कोलेस्ट्रॉल कम होता है और फाइबर, विटामिन और मिनरल्स की मात्रा ज्यादा होती है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है।
कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि शाकाहारी आहार कैंसर के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है।
इसमें फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है, जिससे पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है और कब्ज की समस्या से बचा जा सकता है।
शाकाहारी आहार में विटामिन और मिनरल्स की मात्रा ज्यादा होती है, जिससे ऊर्जा का लेवल बढ़ता है और थकान कम होती है।
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विराट कोहली (virat kohli) ने यूरिक एसिड को कम करने के लिए अपनी डाइट में वेज खाना भी शामिल किया। इसके बाद उन्हें स्वास्थ्य समस्याओं से काफी राहत मिलने लगी। कोहली ने कहा कि वे नॉनवेज छोड़ने के बाद शारीरिक रूप से कई बदलाव महसूस करने लगे। उनके यूरिक एसिड में कमी आई है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Updated on:
21 Sept 2024 03:55 pm
Published on:
21 Sept 2024 03:48 pm
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