मधुमेह के सबसे आम प्रकार टाइप 1, टाइप 2 और गर्भावधि मधुमेह हैं।
यदि आपको टाइप 1 मधुमेह है, तो आपका शरीर इंसुलिन नहीं बनाता है। आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली आपके अग्न्याशय ( pancreas ) में उन कोशिकाओं पर हमला करती है और नष्ट कर देती है जो इंसुलिन बनाती हैं। टाइप 1 मधुमेह आमतौर पर बच्चों और युवा वयस्कों में देखा जाता है।टाइप 1 मधुमेह वाले लोगों को जीवित रहने के लिए हर दिन इंसुलिन लेने की आवश्यकता होती है।
यदि आपको टाइप 2 मधुमेह है, तो आपका शरीर इंसुलिन को अच्छी तरह से नहीं बनाता या उपयोग नहीं करता है। आप किसी भी उम्र में टाइप 2 मधुमेह के शिकार हाे सकते हैं।यहां तक कि बचपन के दौरान भी। हालांकि, इस प्रकार का मधुमेह ज्यादातर मध्यम आयु वर्ग और वृद्ध लोगों में होता है। टाइप 2 मधुमेह का सबसे आम प्रकार है।
गर्भवती होने पर गर्भकालीन मधुमेह कुछ महिलाओं में विकसित होता है। ज्यादातर इस प्रकार का मधुमेह बच्चे के जन्म के बाद दूर हो जाता है। हालाँकि, यदि आपको गर्भकालीन मधुमेह था, तो आपको बाद में जीवन में टाइप 2 मधुमेह विकसित होने की अधिक संभावना है। कभी-कभी गर्भावस्था के दौरान देखा गया मधुमेह वास्तव में टाइप 2 मधुमेह है।
कम सामान्य प्रकारों में मोनोजेनिक मधुमेह ( Monogenic Diabetes ) शामिल है, जो मधुमेह का एक विरासत ( Genetically ) में मिला हुआ रूप है, इसके अलावा सिस्टिक फाइब्रोसिस ( cystic fibrosis ) भी मधुमेह से संबंधित है।
पूरे विश्व में मधुमेह का फैलाव बढ़ रहा है। आज विश्व के 3 प्रतिशत से 12 प्रतिशत लोग या तो मधुमेह सी पीड़ित हैं अथवा उनके मधुमेह से पीड़ित हैं अथवा उनके मधुमेह से पीड़ित होने की संभवना है।विश्व स्वास्थय संगठन की एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार सन 2025 तक भारत दुनिया का डायबिटीक कैपिटल हो जाएगा। यानि उस वक्त तक डाइबिटीज के सबसे अधिक रोगी भारत में होंगे और उनकी संख्या यहाँ लगभग 5.7 करोड़ होगी। जहाँ तक देश की राजधानी दिल्ली का सवाल है तो यहाँ की कुल आबादी (लगभग 1.45 करोड़ ) के 12 फीसदी लोग डाइबिटीज के घोषित मरीज हैं।
यदि आप 45 वर्ष या अधिक आयु के हैं, मधुमेह का पारिवारिक इतिहास है, या अधिक वजन वाले हैं तो आपको टाइप 2 मधुमेह विकसित होने की अधिक संभावना है, । शारीरिक निष्क्रियता, भागमभाग, और कुछ स्वास्थ्य समस्याएं जैसे उच्च रक्तचाप भी आपके टाइप 2 मधुमेह के विकास की संभावना को प्रभावित करते हैं। यदि आपके गर्भवती होने पर आपको पहले से मधुमेह हो या आपको गर्भकालीन मधुमेह हो, तो टाइप 2 डायबिटीज होने की संभावना अधिक होती है।
मधुमेह से ग्रस्त लोगों में दिल की बीमारी, आघात, गुर्दे की बीमारी, आँखों की समस्या, दंत रोग, नर्व डेमेज, पैरों की समस्या अादि राेग हाे सकते हैं।
– बहुत ज्यादा और बार बार प्यास लगना।
– बार बार पेशाब आना।
– लगातार भूख लगना।
– दृष्टी धुंधली होना।
– अकारण थकावट महसूस होना।
– अकारण वजन कम होना।
– घाव ठीक न होना या देर से ठीक होना।
– बार बार पेशाब या रक्त में संक्रमण होना।
– खुजली या त्वचा रोग।
– सिरदर्द।
– धुंधला दिखना।
हालाँकि मधुमेह का कोई इलाज नहीं है, फिर भी पाेषक युक्त डाइट, हेल्दी लाइफस्टाइल आैर वर्कआउट रूटीन के जरिए इसे कंट्राेल किया जा सकता है।