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Bhil Pradesh Issue : मानसून सत्र में राजकुमार रोत ने संसद में उठाया भील प्रदेश का मुद्दा, अब सरकार देगी लिखित जवाब

Bhil Pradesh issue : संसद के मानसून सत्र में बांसवाड़ा-डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत ने भील प्रदेश राज्य के गठन की मांग रखी। मोदी सरकार इसका लिखित जवाब देगी।

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Banswara Dungarpur MP Rajkumar Roat raised Bhil Pradesh issue in Parliament monsoon session now modi government will give a written reply

बांसवाड़ा-डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत संसद भवन के मुख्य द्वार पर "भील प्रदेश" की तख्ती लिए हुए। साभार-X

Bhil Pradesh issue : संसद के मानसून सत्र चल रहा है। मानसून सत्र में बांसवाड़ा-डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत ने भील प्रदेश राज्य के गठन की मांग रखी। साथ ही संसद परिसर में भीलप्रदेश का बैनर लेकर राष्ट्रीय स्तर पर भील प्रदेश राज्य की मांग तेज की। सांसद राजकुमार रोत ने सदन में सवाल उठाया। इसका सरकार लिखित जवाब देगी।

राजकुमार रोत ने भीलप्रदेश का बैनर को लेकर किया प्रदर्शन

उसी दौरान सांसद राजकुमार रोत ने संसद भवन परिसर में भीलप्रदेश का बैनर लेकर पहुंचे, जहां देश के सभी सांसदों की मौजूदगी में राजकुमार रोत ने संसद के मुख्य द्वार पर भीलप्रदेश के बैनर को लेकर प्रदर्शन किया।

करोड़ों आदिवासियों की भावनाओं और बलिदानों से जुड़ी है - राजकुमार रोत

बांसवाड़ा-डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत ने अपने सोशल मीडिया अकांउट X पर लिखा कि संसद भवन में "भील प्रदेश" की तख्ती लेकर प्रवेश किया और संसद परिसर में हमारी ऐतिहासिक आवाज को बुलंद किया। यह लड़ाई सिर्फ मेरी अकेले की नही है, बल्कि करोड़ों आदिवासियों की भावनाओं और बलिदानों से जुड़ी हुई है।

आज भी भील प्रदेश की चिंगारी जिन्दा है

राजकुमार रोत ने आगे लिखा कि 1913 में गुरु गोविंद महाराज के नेतृत्व में भील प्रदेश निर्माण के उद्देश्य से मानगढ़ धाम पर एकत्र हुए भीलों पर अंग्रेजों और सामंती व्यवस्था ने हमला किया था, जिसमें 1500 से अधिक भीलों का नरसंहार हुआ। भले ही इस बलिदान को इतिहास से मिटा दिया गया हो, लेकिन हमारे बच्चों-बच्चों में आज भी भील प्रदेश की चिंगारी जिन्दा है। अगर आज हमें न्याय नही मिला तो हमारी आने वाली नस्लें इसे आपसे छीनकर लेंगी। इतिहास याद रखेगा कि आज कौन भील प्रदेश के साथ खड़ा था और कौन विरोध में।

'भील प्रदेश' की मांग को लेकर जारी किया था नया नक्शा

इससे पूर्व 16 जुलाई के आस पास राजस्थान के भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) नेता व सांसद राजकुमार रोत ने 'भील प्रदेश' की मांग को लेकर नया नक्शा जारी किया था। साथ ही उन्होंने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भेजते हुए राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के 49 जिलों को मिलाकर भील प्रदेश बनाने का तर्क दिया था।