
BAP का बड़ा फैसला, संस्थापक सदस्य सहित 8 संगठन से निलंबित
BAP Big Decision : भारतीय आदिवासी पार्टी ने बड़ा फैसला लिया। चुनावों में पार्टी विरोधी गतिविधियों और समाज के अहित में जुटे रहने के आरोप पर भारतीय आदिवासी पार्टी के संस्थापक सदस्य एवं गढ़ी ब्लॉक अध्यक्ष सहित आठ जनों को संगठन से निलंबित कर दिया है। BAP के जिला प्रवक्ता राहुल भूरिया ने बताया कि लोकसभा चुनाव के पहले से पार्टी के कुछ लोग समानांतर संगठन बनाने के लिए विरोधियों के संपर्क में रहे। चुनाव के बाद भी इनकी गतिविधियां पार्टी विरोधी देखी गईं। सौदेबाजी में संलग्न होने की सूचनाओं पर पार्टी की अनुशासन समिति ने संज्ञान लिया।
इसके बाद जांच में सांठ-गांठ करने के पुख्ता प्रमाण मिले, तो सुधरने का मौका भी दिया गया। इसके बाद भी पार्टी और समाज के अहित में ही लगे रहने की अनुशासन समिति से रिपोर्ट मिली। इस पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहनलाल रोत ने आदेश जारी कर बांसवाड़ा जिले के प्रो. मणिलाल गरासिया, दिनेश डाबी, राकेश डिंडोर, मुकेश राणा, राजू राणा, नारायण बामणिया, पवन बुझ और तेजकरण मईड़ा को संगठन की सदस्यता से निलंबित कर दिया है।
भूरिया ने बताया कि अब बीएपी से इनका कोई संबंध नहीं है। गौरतलब है कि तेजकरण मईड़ा पार्टी के गढ़ी ब्लॉक अध्यक्ष रहे, जबकि प्रो. गरासिया विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी थे। इनके अलावा छह अन्य भी गढ़ी क्षेत्र के ही हैं।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि विधानसभा चुनाव के दौरान गढ़ी क्षेत्र से उम्मीदवारी को लेकर चर्चा के साथ इनका रवैया संदिग्ध रहा। फिर सीट हार गए, उसके बाद भी खींचतान बनी रही। लोकसभा चुनाव में इनके विरोधियों से मिलीभगत के संकेत भी मिले। इस पर अंदर ही अंदर जांच के बाद शुक्रवार को डूंगरपुर में हुई संगठन की बैठक में चर्चा के बाद अब सख्ती बरती गई है।
Published on:
23 Jun 2024 05:07 pm
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