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डूंगरपुर में अब 12 महीने मिलेगा भरपूर पानी, किया जा रहा ये स्थायी समाधान

डूंगरपुर शहर को अब बारह महीने भरपूर पानी मिल सकेगा। जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग ने डीमिया बांध में निचले स्तर के जल का भी उपयोग करने के लिए जिला प्रशासन के निर्देशन में पहली बार फ्लोटिंग पंप सेट किया है।

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Dungarpur

डीमिया बांध के निरीक्षण के लिए पहुंचे कलेक्टर (फोटो पत्रिका नेटवर्क)

डूंगरपुर: दक्षिणी राजस्थान का डूंगरपुर जिला मुख्यालय बारह मास पानी की बूंद-बूंद के लिए दो-दो हाथ करता है। हालात ये हैं कि 60 हजार की आबादी वाला शहर आजादी के इतने सालों बाद अब भी रियासतकालीन बांधों एडवर्ड समंद और डीमिया बांध से ही हलक तर करने को विवश है।


खासकर गर्मियों में स्थितियां ये होती है कि डीमिया का जलस्तर कम होने पर पेयजल आपूर्ति में परेशानी होती है। इस बार जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग ने पहली बार डीमिया बांध में निचले स्तर के जल का भी उपयोग करने के लिए जिला प्रशासन के निर्देशन में पहली बार फ्लोटिंग पंप सेट किया है।

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फील्टर प्लांटों को मिलेगा पानी

इससे भीषण गर्मी में भी शहर के फील्टर प्लांटों को डीमिया से पानी मिलता रहेगा। साथ ही मानसून सत्र के बाद वापस फ्लोटिंग पंप सेटों को स्थान बदला जा सकेगा। इसके लिए विभाग ने कंटीजेंसी प्लान के तहत प्रदेश सरकार की ओर से स्वीकृत एक करोड़ रुपए की राशि में से 4.45 लाख रुपए व्यय किए हैं।

क्षमता भी बढ़ेगी


बढ़ती आबादी के साथ ही बढ़ती जल मांग को देखते हुए जलदाय विभाग ने शहर की जलापूर्ति के मुख्य स्त्रोत डीमिया बांध की ऊंचाई बढ़ाने के भी प्रस्ताव तैयार किए थे। इसको सरकार की हरी झंडी मिल गई है और डीमिया बांध की क्षमता बढ़ाने के लिए तीन करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

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अधिकारियों के अनुसार, डीमिया बांध की फिलहाल क्षमता 44.87 एमसीएफटी है। इसकी ऊंचाई बढ़ाने पर इसकी क्षमता 56.28 एमसीएफटी हो जाएगी। क्षमता बढ़ने से शहर को हर रोज 40 से 45 लाख लीटर पानी मिल सकेगा। जबकि, फिलहाल 20 लाख लीटर पानी मिल रहा है।

स्थायी समाधान के प्रयास


जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता गोपीराम वर्मा ने बताया कि डूंगरपुर शहर की आबादी करीब 60 हजार है। यहां प्रतिदिन 50 से 60 लाख लीटर पानी की डिमांड होती है। फिलहाल, सोमकमला आंबा बांध से 20 लाख लीटर पानी लिया जा रहा है। वहीं, गर्मी की ऋतु में डीमिया और एडवर्ड समंद सहित शहर के अन्य जल स्त्रोत से मिलाकर 30 से 40 लाख लीटर पानी मिल रहा है।


डीमिया की क्षमता बढ़ेगी तो डीमिया से ही हमे 45 से 50 लाख लीटर पानी मिलेगा। वहीं, एडवर्ड समंद से 15 से 20 लाख लीटर जल लेंगे। ऐसे में सोमकमला आंबा से मिलने वाला जल बोनस रहेगा। जिला कलेक्टर के निर्देशन में शहर की पेयजल समस्या के स्थायी समाधान के प्रयास किए जा रहे हैं।


स्थायी समाधान होगा


पीएचईडी की ओर से कंटीजेंसी प्लान के तहत इस बार के प्रस्ताव से शहर की जलापूर्ति की समस्या का स्थायी समाधान होगा। डीमिया में फ्लोटिंग पंप लगने से अब डीमिया से पूरे ग्रीष्म ऋतु में पानी मिल सकेगा।
-अंकित कुमार सिंह, जिला केलक्टर (डूंगरपुर)