
Good News : जिसे गांववाले और रिश्तेदार मरा मान चुके थे वह 26 साल बाद वापस घर लौटा, तो परिवारजन की आंखों से खुशी के आसूं छलक उठे। यह मामला चीतरी पुलिस थाना अंतर्गत नैनसावा गांव का है। सांगरिया जिला हनुमानगढ़ से सह सतनाम ग्रीन एसवेल फेयर संस्था से जुड़े पदाधिकारी उस व्यक्ति को लेकर चीतरी पुलिस थाने पहुंचे। पदाधिकारियों ने बताया कि गत एक जुलाई को हरियाणा बॉर्डर पर एक मानसिक रूप से पीड़ित व्यक्ति भिखारी की हालात में दिखा। इस पर सांगरिया पुलिस थाना में सूचना देकर संस्था लेकर आ गए। यहां उसकी अच्छी देखभाल से मानसिक हालात में सुधार हुआ। पदाधिकारियों के अनुसार युवक ने खुद का नाम बाबूलाल बताया। इसके बाद उसने अपने परिवार के सदस्यों के बारे में बताया। वह नैनसावा जिला डूंगरपुर का रहने वाला है। करीब 26 साल पहले मानसिक स्थिति खराब होने के बाद वह घर से निकल गया था।
बाबूलाल द्वारा बताई जानकारी के आधार पर संस्था पदाधिकारियों ने पुलिस का सहयोग लेते हुए घर वालों की पड़ताल की। संस्था औैर पुलिस बाबूलाल को चीतरी थाने में लेकर पहुंचे। इस पर बाबूलाल के भाइयों ने पहचानने से मना कर दिया, लेकिन बहनों ने पहचान करते हुए कहा कि यह हमारा भाई बाबुड़ा ही है। बिछड़े भाई को थाने में जिंदा देख बहनें खुशी से रो पड़ी। इसके बाद भाइयों का भी मन पसीजा और बाबूलाल को घर ले गए।
Published on:
11 Nov 2024 11:18 am
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