
डूंगरपुर/आसपुर. श्रीगौड़ समाज सेवा संस्थान वागड़ क्षेत्र गांवों के संग अभियान में शुक्रवार को साकरिया गांव में ग्राम चौपाल का आयोजन किया। अध्यक्ष प्रभुलाल त्रिवेदी ने संस्थान के सेवा प्रकल्पों की जानकारी देते हुए अभियान का आगाज किया। पूर्व अध्यक्ष नंदलाल जोशी ने शिक्षा कोष के अतिरिक्त स्थायी कोष की वकालत की जिसके माध्यम से समाज के जरुरतमंद व असहाय लोगों को सामाजिक सहायता व पेंशन मिल सके। सचिव हितेश खैरवासिया ने संस्था की गतिविधियों पर प्रकाश डाला।
ग्राम चौपाल में समाज के मौजूदा रीति रिवाजों की समीक्षा कर इनमें फिजूलखर्ची रोकने गांव के पंचों ने सुझाव साझा किए वहीं गांव में लागू नवाचार के लाभ गिनाए। चौपाल में प्रभुलाल गामोट सुन्दनी, प्रभुलाल त्रिवेदी पालोदा,नारायण जोशी पिंडावल आदि ने भी विचार व्यक्त किए। इस दौरान शिक्षा कोष के अध्यक्ष मनोहर जोशी, खेल प्रभारी सुरेश एम त्रिवेदी, गिरिश पंड्या, धूलजी व्यास, प्रकाश उपाध्याय, गोकुलराम उपाध्याय, मंशाराम मेहता, भगवान त्रिवेदी सहित साकरिया गांव के प्रमुख पंच आदि उपस्थित रहे। रमेश व्यास ने अतिथियों का जनेऊ एवं धार्मिक साहित्य भेंटकर स्वागत किया। आभार साकरिया ईकाई अध्यक्ष दयाराम जोशी ने व्यक्त किया। गांवों में वृद्ध एवं गंभीर रोगों से ग्रसित माता-पिता व सास-ससुर की सेवा करने वाली संतान व बहू बेटियों को समाज के श्रवण कुमार पुरस्कार से सम्मानित करने का निर्णय लिया।
संस्थान का आजीवन सदस्यता अभियान शीघ्र पूर्ण करने, संस्थान के अधीन समस्त रचनात्मक कार्यों में महिलाओं की भागीदारी, समाज में बढ़ते विवाह विच्छेद मामलों व महिला उत्पीडन पर सामाजिक एक्शन, विवाह आदि बड़े सामाजिक मौका मौसर में भौतिक प्रदर्शन व अनावश्यक कपड़ा व्यवहार आदि पर अंकुश लगाने सामाजिक नियमों को संशोधित करने का निर्णय लिया।
संस्थान की ओर से प्रतिभा सम्मान समारोह, कर्मचारी सम्मेलन, खेलों के आयोजन जिसमे महिला वर्ग की सहभागिता, पिण्डावल में प्रस्तावित महिला सम्मेलन, प्राईवेट कंपनी व फर्म के कर्मचारी, उद्यमी, व्यवसायी एवं जन प्रतिनिधि सम्मेलन आदि मुद्दों की कार्य योजना को मंजूरी दी। अगले चरण में रोटेशन प्रणाली से संस्थान की ओर से 25 गांवों में संस्थान गांवों के संग अभियान में ग्राम चौपाल का आयोजन कर हर गांव की स्थानीय जमीनी सामाजिक समस्याओं पर संज्ञान लिया जाएगा।
आज के भौतिक युग में पुत्र प्राप्ति का वरदान तब अभिशाप बन जाता है जब जनक व जननी का बुढ़ापा औलाद के भरोसे हो जाता है। अमुमन यह देखने में आता है कि औलाद की भौतिक उड़ान वृद्ध माता पिता को वृद्धाश्रम पर धकेल देती है। माता-पिता व सास -ससुर की सेवा संतान व बहू-बेटी की प्रथम जिम्मेदारी है। कर्त्तव्य बोध करवाने हमने समाज की ग्राम चौपाल में श्रवणकुमार पुरस्कार से सम्मानित करने का निर्णय लिया है। इससे वृद्ध माता पिता को संबलन मिलेगा। वहीं, अन्य सामाजिक संगठन भी इससे प्रेरित होंगे।
प्रभुलाल त्रिवेदी, अध्यक्ष श्रीगौड़ समाज सेवा संस्थान वागड़ क्षेत्र
Published on:
24 Jun 2023 12:04 pm
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