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अच्छी खबर : बेणेश्वरधाम को मिलेगी अन्तर्राष्ट्रीय पहचान, संत मावजी की लीलाओं का बनेगा पैनोरमा

संत मावजी की लीलाओं व आदर्शों से जुड़ेंगे श्रद्धालु

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साबला. संत मावजी की लीलाओं, जीवन आदर्शों व उनकी अलौकिक भविष्यवाणियों को बेणेश्वरधाम पर साक्षात देखा जा सकेगा। इन सबसे श्रद्धालु यहां बन रहे पेनोरोमा भवन में सहज ही जुड़ पाएंगे। इसको मूर्तरूप देने के लिए राज्य सरकार ने गत बजट सत्र के दौरान एक करोड 5 लाख स्वीकृत कर संत मावजी के पेनोरोमा बनाने की घोषणा की।

घोषणा के बाद धाम पर संत मावजी के पेनोरमा भवन के निर्माण का कार्य प्रगति पर है। धाम पर भवन तैयार होने के बाद संत मावजी की ओर से करीब 300 साल पूर्व की गई भविष्यवाणियां, धाम पर की गई रास लीलाओं व उनके जीवन व आदर्शों सहित रचित चौपड़ों से आमजन रूबरू होंगे। इससे बेणेश्वरधाम की महिमा को न सिर्फ राष्ट्रव्यापी अपितु अन्तर्राष्ट्रीय मानचित्र पटल पर एक पहचान मिलेगी। वहीं, वागड़ अंचल की सांस्कृतिक धरोहर, जीवन शैली, भक्ति को नया आयाम मिलेगा।

बेणेश्वर मेले को लेकर तैयारियां शुरू

साबला. त्रिवेणी स्थल बेणेश्वरधाम पर 31 जनवरी माघ पूर्णिमा पर भरने वाले महा मेले को लेकर साबला पंचायत समिति ने तैयारियां शुरू कर दी है। मेला स्थल सहित धाम परिसर पर जेसीबी सहित अन्य साधनों से साफ-सफाई का कार्य प्रारम्भ कर दिया है। साथ ही मेले के दौरान लगने वाली दुकानों के आंवटन को लेकर पंचायत समिति के कार्मिकों ने सफेदी के साथ लाइनिंग का कार्य जारी है। वहीं, श्रद्धालुओं व मेलार्थियों की चहल-पहल भी शुरू हो गई है।

विद्युत निगम के सहायक अभियंता कैलाश जोजारियां के मार्गदर्शन में मेला स्थल पर विद्युत ट्रासफार्मर सहित विद्युत लाइन के तारों को दुरस्त करने का कार्य भी जारी है। गौरतलब है कि बेणेश्वर मेला वागड़ में एक विशेष पहचान रखता है। साथ ही इसमें शामिल होने के लिए आसपास के क्षेत्रों के अलावा राजस्थान, मध्य प्रदेश , गुजरात, महाराष्ट्र तथा अन्य राज्यों से लोग आते है। यहां मेले के दौरान त्रिवेणी में विशेष स्नान का भी बड़ा महत्व है।