
आसपुर। शहर का विहंगम दृश्य। फाइल फोटो।
Rajasthan News : पूर्व की कांग्रेस सरकार ने ग्राम पंचायत आसपुर को चतुर्थ श्रेणी नगरपालिका घोषित कर 6 अक्टूबर 2023 को इसको लेकर अधिसूचना भी जारी हो गई थी। बाद में ग्राम पंचायत आसपुर का पोर्टल भी लॉक कर दिया परंतु नगरपालिका बनाने को लेकर आगे की कार्रवाई ठप रही। इसको लेकर शहर के लोगों ने विभिन्न प्रशासनिक शिविरों में भी यह मुद्दा उठाया कि सरकार ने आसपुर को नगरपालिका घोषित कर ग्राम पंचायत का पोर्टल भी बंद कर दिया और नगरपालिका का पोर्टल खोला भी नहीं इसके चलते यहां विकास के सभी कार्यों पर लॉक लगा हुआ है। वहीं बीते एक वर्ष में आसपुर में विकास के नाम पर गिनाने को कुछ भी नहीं है। शहर के लोग भी उहापोह में रहे कि नगरपालिका के चक्कर में ग्राम पंचायत भी गंवा दी। इधर, गत 4 सितम्बर को स्वायत्त शासन विभाग जयपुर के निदेशक एवं संयुक्त सचिव सुरेश कुमार ओला ने अधिसूचना जारी कर गत वर्ष पूर्व सरकार के आसपुर को नगरपालिका बनाने के आदेश को निरस्त कर दिया। इसके चलते सभी चर्चाओं पर विराम लग कर आसपुर जहां था वहीं रह गया। आसपुर की अभिलाषा धड़ाम हो गई है।
भाजपा नेता अनिल गुप्ता का कहना है कि पूर्व सरकार ने खानापूर्ति के तौर पर केवल आसपुर ग्राम पंचायत क्षेत्र को ही नगरपालिका घोषित कर दियां जिसकी लंबाई चौड़ाई 500-500 मीटर से अधिक नहीं और शहर की आबादी भी मात्र 3354 है। ग्राम पंचायत गोल एवं खेड़ा को साथ जोड़कर नगरपालिका का परिसीमन किया जाता तो आज यह नौबत भी नहीं आती।
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कांग्रेस प्रमुख करणसिंह चौहान का कहना है कि कांग्रेस सरकार ने आसपुर के विकास में नया अध्याय जोड़ कर यहां नगरपालिका घोषित की। वहीं वर्तमान डबल इंजन की सरकार आसपुर में नया तो कुछ कर नहीं सकी उल्टे पूर्व सरकार के काम को भी शून्य कर नगरपालिका बनाने के आदेश को निरस्त कर दिया।
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Published on:
07 Sept 2024 08:43 pm
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