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एसीबी की बड़ी कार्रवाई, महिला सहायक लेखाधिकारी 5,000 रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

Rajasthan News : एसीबी उदयपुर यूनिट की बड़ी कार्रवाई। महिला एवं बाल विकास विभाग के गोगुन्दा स्थित बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय की सहायक लेखाधिकारी को पांच हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया है।

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Udaipur ACB Major Action Rs 5,000 Bribe taking Female Assistant Accountant Red Handed Arrested

एसीबी की गिरफ्त में कुर्सी पर बैठी महिला सहायक लेखा​धिकारी। ( फोटो पत्रिका)

Rajasthan News : एसीबी उदयपुर यूनिट ने महिला एवं बाल विकास विभाग के गोगुन्दा स्थित बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय की सहायक लेखाधिकारी को पांच हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। उसने दो आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का बकाया मानदेय जारी करने के बदले रिश्वत मांगी थी। आरोपी मूलत: डूंगरपुर जिले की है।

एसीबी की जांच में शिकायत की हुई पुष्टि

एसीबी एएसपी अनन्त कुमार ने बताया कि सहायक लेखाधिकारी गोकुल विलेज सवीना निवासी नूतन शाह पंड्या को कार्यालय में 5 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। 21 मई को शिकायत मिली थी कि आंगनबाडी कार्यकर्ताओं का अक्टूबर 2024 से अब तक मानदेय अटका हुआ है। इस बारे में बाल विकास परियोजना अधिकारी गोगुन्दा कार्यालय की सहायक लेखाधिकारी नूतन शाह से सम्पर्क किया, लेकिन नूतन शाह की ओर से अनावश्यक कारणों से भुगतान रोका जाता रहा।

इसके बाद सहायक लेखाधिकारी ने दोनों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से 4500-4500 रुपए की मांग कर दी। रिश्वत की राशि के लिए दोनों को बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय गोगुन्दा बुलाया। एसीबी की जांच में शिकायत की पुष्टि हो गई। इस दौरान आरोपी सहायक लेखाधिकारी ने दोनों से दो-दो हजार रुपए लिए।

एसीबी सीआई नरपत सिंह ने कार्रवाई की

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कोटा रेंज उप महानिरीक्षक शिवराज मीना के पर्यवेक्षण में एएसपी अनन्त कुमार के निर्देशानुसार कार्रवाई हुई। एसीबी सीआई नरपत सिंह ने कार्रवाई की।

दस्तावेजी त्रुटि से रुका का मानदेय

जांच में सामने आया कि करीब 25 साल पहले बतौर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सेवाओं में आई महिलाओं के जॉइनिंग संबंधी दस्तावेजों में कमी थी। विभाग की ओर से वेरिफिकेशन करते हुए दस्तावेज मांगे गए। जिनके पास दस्तावेज नहीं थे, उनका मानदेय रोक दिया गया। समाधान होने पर पुन: भुगतान जारी करना तय हो गया। ऐसे में 7 माह का भुगतान जारी करने की एवज में रिश्वत राशि मांगी थी। सहायक लेखाधिकारी उन सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से रिश्वत लेने की तैयारी में थी, जिनका मानदेय रोका गया था।

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