दुर्ग जिले में कोरोना महामारी के कारण अब तक 49 स्कूल बंद हो गए हैं। जिनमें औसतन एक स्कूल से करीब 15 से 17 लोगों की नौकरी भी छूट गई। जिसमें शिक्षकीय और गैरशिक्षकीय दोनों ही शामिल थे। इन 49 स्कूलों में करीबन हजार लोग बेरोजगार हो गए। विभाग के अनुसार कई बड़े निजी स्कूलों ने भी इस वर्ष फीस इसलिए बढ़ाई कि वे अपने कर्मचारियों और शिक्षकों को वेतन भी नहीं दे पा रहे हैं।
तीन वर्ष में बंद हुए निजी स्कूलों में सबसे ज्यादा दुर्ग ब्लॉक के हैं। इसमें भी प्राइमरी और मीडिल स्कूलों की संख्या ज्यादा है। विभाग के अनुसार अकेले दुर्ग ब्लॉक में ही 38 स्कूल बंद हो गए। जबकि पाटन में 7 और धमधा में 4 स्कूल बंद हो गए। दुर्ग डीईओ प्रवास सिंह बघेल ने बताया कि कोरोना की वजह से हुए लॉकडाउन के बाद कई छोटे निजी स्कूलों के संचालकों ने स्कूल बंद कर मान्यता खत्म करने आवेदन दिया था। जिसके बाद उनकी मान्यता खत्म की गई है। लेकिन इससे पहले इन स्कूलों में पढऩे वाले आरटीई के बच्चों को दूसरे स्कूलों में शिफ्ट कर दिया गया है, ताकि उनकी पढ़ाई में व्यावधान न आए।