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Health Care:  अस्थमा के मरीज भीड़ से करें किनारा नहीं तो घूट जाएगा दम

हर जगह भीड़ से दो-चार होना आम बात हो गया है। ऐसे में अस्थमा, हृदय, सांस, फेफड़े, ब्लड प्रेशर, एलर्जी संबंधी बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए भीड़ में रहना काफी घातक सिद्ध हो सकता है।

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Satya Narayan Shukla

Oct 08, 2016

Bhilai:Health Care: the edge of the crowd asthma p

Bhilai:Health Care: the edge of the crowd asthma patient would otherwise suffocate

भिलाई.
त्योहारों का मौसम आ गया है। बाजार से लेकर, सड़कों तक लोगों की चहलकदमी बढ़ गई है। हर जगह भीड़ से दो-चार होना आम बात हो गया है। ऐसे में अस्थमा, हृदय, सांस, फेफड़े, ब्लड प्रेशर, एलर्जी संबंधी बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए भीड़ में रहना काफी घातक सिद्ध हो सकता है। इसका एक बड़ा उदाहरण दंतेवाड़ा के मां दंतेश्वरी मंदिर में देखने मिला। जहां भीड़ में दम घुटने से 13 साल के मासूम की अकाल मृत्यु हो गई। ऐसी परिस्थितियां हमारे आस-पास भी निर्मित हो सकती है। भीड़ में अपनी और जरूरतमंद बीमार लोगों की जान कैसे बचाएं बता रहे हैं विशेषज्ञ डॉ. सुधीर गांगेय।




भीड़ के सेंटर में ना रहे

अस्थमा, हृदय रोग, सांस संबंधी बीमारियों से जूझ रहे लोगों को कभी भी भीड़ के सेंटर में नहीं होना चाहिए। डॉ. गांगेय ने बताया कि भीड़ के सेंटर में रहने से मरीज को तत्काल मदद नहीं मिल पाती। चारों तरफ लोगों का हुजूम होने के कारण वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा भी घट जाती है। इसलिए सभी तरह के मरीज भीड़ की सेंटर के बजाय किनारे में रहकर उत्सव का आनंद ले। यदि किसी कारणवश तबीयत बिगड़ती है तो उन्हें किनारे से आसानी से निकाला जा सकता है। भगदड़ मचने की स्थिति में उनका दम भी नहीं घुटेगा। ज्यादातर भगदड़ में यह सामने आता है कि भीड़ के सेंटर में रहने वाले लोगों की मौत दम घुटने से होती है।


मरीज को दें कृत्रिम सांस

भीड़ में अस्थमा और सांस के बीमारियों से जूझ रहे मरीजों की तबीयत बिगड़ सकती है। ऐसे समय में मरीज को भीड़ से बाहर निकालकर खुली जगह में लाएं। मरीज को माउथ टू माउथ कृत्रिम सांस दें। डॉ. गांगेय ने बताया कि मरीज को सबसे पहले सीधे जमीन पर लेटा दें। सिर का हिस्सा थोड़ा उठाकर मुंह से रोगी के मुंह को लगाकर सीधे सांस दें। सही तरीके से कृत्रिम सांस देने से मरीज के जान बचने की संभावना 90 फीसदी बढ़ जाती है।


यह बचें भीड़ में जाने से

0 छोटे बच्चों को भीड़ में न ले जाएं। भीड़ में यदि बच्चे जाने की जिद्द भी करें तो उन्हें भीड़ के किनारे में रखें।

0 गर्भवती महिलाएं भीड़ में जाने से बचे। भीड़ में धक्का लगने से गर्भस्थ शिशु और माता की जान खतरे में पड़ सकती है।

0 हृदय रोग, ब्लड प्रेशर, पुराना अस्थमा, सांस, एलर्जी से जूझ रहे मरीज भीड़ से किनारा करें। भीड़ में धूल, धुएं से बचें।

0 बुजुर्गों को एक समय के बाद सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। भीड़ में वैसे ही ऑक्सीजन की मात्रा घट जाती है। इसलिए बुजुर्गों को भीड़ से दूर रखें।


इस तरह की एतिहात बरतें

0 भीड़ वाली जगहों पर अक्सर धूल, धुएं, डस्ट की मात्रा बढ़ जाती है। जो सेहत के लिए काफी हानिकारक होता है। एलर्जीटिक पेसेंट के लिए यह खतरनाक भी हो सकता है। इसलिए अपने साथ मास्क रखें।

0 मास्क लगाने असहज लगे तो सूती कपड़े से नाक और मुंह को ढककर रखें। इससे डस्ट पार्टिकल शरीर में प्रवेश नहीं कर पाएंगे।

0 कृत्रिम सांस देने की प्रैक्टिस रखें यह जानकारी औरों को भी दें ।

0 अपना मेडिकल कीट साथ रखें।

0 पानी का बॅाटल रखें। इमरजेंसी कॉल में एंबुलेंस सेवा, किसी करीबी व्यक्ति का नंबर सेव रखें। जो तत्काल मदद के लिए मौके पर पहुंच सके।



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