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एक शाम हनुमान के नाम: गृहस्थी में शांति के लिए मौन जरूरी

आपको सफल होना है तो खुद को बदलना होगा। इसके लिए व्यक्ति को मौन साध कर अहंकार को छोडऩा होगा और जरूरत पडऩे पर पैरवी करने मुंह भी खोलना होगा।

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Satya Narayan Shukla

Dec 31, 2016

One evening in the name of God Hanuman: household

One evening in the name of God Hanuman: household essential for peace in the silence

भिलाई.
आपको सफल होना है तो खुद को बदलना होगा। इसके लिए व्यक्ति को मौन साध कर अहंकार को छोडऩा होगा और जरूरत पडऩे पर पैरवी करने मुंह भी खोलना होगा।


सुंदरकांड के जरिए लाइफ मैनेजमेंट के फंडे

यह बातें आध्यात्म गुरु विजय शंकर मेहता ने कही। सुंदरकांड के जरिए लाइफ मैनेजमेंट के फंडे बताए। सेक्टर 5 के पार्षद नीरज पाल एवं नव उपासना दुर्गोत्सव समिति की ओर से नववर्ष की पूर्व संध्या पर हुए कार्यक्रम महा उत्सव एक शाम स्वागत के नाम कार्यक्रम में उन्होंने करीब दो घंटे तक जीवन में सफल होने के बाद किस तरह रहा जाए विषय पर व्याख्यान दिया।


सफल तभी होंगे जब कम बोलेंगे

मेहता ने कहा कि जीवन में सफल तभी होंगे जब कम बोलेंगे और मौन साधेंगे। इन दिनों लोगों को सुनने की आदत नहीं है। हर कोई बोलता ही जाता है, लेकिन अच्छा श्रोता बनकर ही हम सफलता पाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि जिस तरह हम एक पॉयलट, ट्रेन, ड्राइवर पर भरोसा कर निश्ंिचत होकर सफर करते हैं उसी तरह जीवन की सफलता में हनुमान जी पर भरोसा करना जरूरी है और भरोसे का ही दूसरा नाम हनुमान जी हैं।


अंहकार न कर पैरवी करें

उन्होंने जीवन में सावधान रहने, अंहकार न करने और मौन साधने और जरूरत पडऩे पर पैरवी करने की बात को सुंदरकांड की चौपाइयों के जरिए बताया। उन्होंने लोगों से कहा कि आज वे यहां से संकल्प लेकर जाएं कि जब भी घर में झगड़े हो तो अपने भाई-बहन और रिश्तेदारों को क्षमा करें और उस वाकए को भूल जाएं। उनके प्रति सहानुभूति रखें।


कम बोले किंतु पैरवी जरूर करें

उन्होंने कहा कि गृहस्थी में लड़ाई-झगड़े कम हो इसके लिए कम बोले, किंतु पैरवी जरूर करें। उन्होंने इस बात को समझाने के लिए रामायण के प्रसंग का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि हनुमान कम बोलते थे किंतु पैरवी का एक भी मौका नहीं छोड़ा। जब सीता जी से अशोक वाटिका में मुलाकात कर हनुमान जी वापस लौटे तो श्रीराम जी ने पूछा कि सीता ने अपने प्राणों की रक्षा कैसे की? तब मौन रहने वाले हनुमान जी ने खूब पैरवी की।


मौन रहना ही सबसे बड़ी साधना

इसी तरह हनुमान जी की शक्ति के बारे में उन्होंने जामवंत ने बताया। सैकड़ों साहसिक काम किए लेकिन उन्होंने कभी अपनी बड़ाई नहीं की। वहीं हम लोग दो अच्छे काम कर 20 गुणा बड़ाई करते हैं। काम के पहले और काम संपन्न होने के बाद मौन रहना ही सबसे बड़ी साधना है।


सहित बड़ी संख्या में श्रोता शामिल

इस अवसर पर मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय, निगम सभापति श्याम सुंदर राव, विधायक विद्यारतन भसीन, पूर्व विधायक भजन सिंह निरंकारी, पूर्व महापौर नीता लोधी, जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष प्रीतपाल बेलचंदन सहित बड़ी संख्या में श्रोता शामिल हुए।


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