
जीवनरक्षक रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी रोकने सख्त निर्देश, दुर्ग कलेक्टर ने कहा पकड़े गए तो सीधे जाएंगे जेल
दुर्ग.दुर्ग जिलेमें रेमडेसिविर (Remdesivir injection) की कालाबाजारी करने वाले लालचियों की अब खैर नहीं है। पकड़ में आए तो सीधे जेल की हवा खाएंगे। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने अधिकारियों को कड़े निर्देश जारी किए हैं कि रेमडेसिविर की कालाबाजारी का कोई भी मामला संज्ञान में आए तो संबंधित व्यक्ति को सीधे जेल भेजने की कार्रवाई की जाए। कलेक्टर ने अस्पताल प्रबंधकों को निर्देश दिया है कि मरीजों के परिजनों को वर्तमान में उपलब्ध नहीं होने की वजह से मेडिकल स्टोर्स के लिए रेमडेसिविर की पर्ची लिखकर न दें। उपलब्ध होते ही इसकी सूचना जारी कर दी जाएगी। अस्पतालों को जितना स्टॉक उपयोग के लिए दिया गया है उसका उपयोग करें। स्टॉक की कालाबाजारी होने की किसी भी प्रकार की सूचना मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ऐसी जानकारी मिलने पर सीधे जेल भेजने की कार्रवाई की जाएगी।
स्टॉक विक्रय के लिए उपलब्ध होने पर दी जाएगी सूचना
जिले में नोडल अधिकारी हर दिन अस्पताल में इस दवा के स्टॉक की ऑडिट करेंगे। किसी भी तरह की अनियमितता मिलने पर सूचना देंगे और ऐसा पाए जाने पर सीधे जेल भेजने की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि स्टॉक विक्रय के लिए उपलब्ध होने पर इसकी सूचना नागरिकों को दी जाएगी। नागरिक बाजार में रेमडेसिविर दवा खरीदने न जाए।
1138 वॉयल रेमडेसिविर इंजेक्शन भेजी, फिर भी अस्पतालों ने थमाया मरीजों को पर्ची
कोरोना के बढ़ते आंकड़ों के बीच 13 अप्रेल को ही 1138 रेमडेसिविर वॉयल जिले में भेजी गई थी। साथ ही प्रतिदिन आवश्यकता अनुसार वॉयल भेजने के निर्देश मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा दिए गए हैं। जीवन रक्षक इंजेक्शन को सेक्टर-9 और जिला अस्पताल सहित सभी प्राइवेट कोविड केयर सेंटर को वितरित की गई है। साथ ही जन औषधी केंद्रों में भी सप्लाई की गई है। बावजूद उन्हीं अस्पतालों की लिखी पर्ची लेकर मरीजों के परिजन भटक रहे हैं जहां दवा पहुंचाई गई है। यह आरोप विधायक अरुण वोरा ने लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि ड्रग कंट्रोलर के माध्यम से निजी अस्पतालों में आपूर्ति के अलावा शासकीय सेंटरों में सीजीएमएससी के माध्यम से मांग के अनुरूप सीधी सप्लाई आती है। उसके बावजूद जनता में भटकाव की स्थिति उत्पन्न हो रही है। विधायक वोरा ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के त्वरित निर्णय के बाद उच्च अधिकारियों द्वारा मैन्युफैक्चरर कंपनियों से सीधे संपर्क कर जीवन रक्षक दवा की आपूर्ति सुनिश्चित की गई है। उन्होंने कहा कि जनता को जागरूक होने की आवश्यकता है। अपवाहों में ना पड़ कर डॉक्टरी सलाह पर चलें गंभीर मरीजों को ही रेमडीसीवर दवा की आवश्यकता पड़ती है। किंतु सोशल व अधिकृत ऑडिटिंग के आभाव में कालाबाजारी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। जिसे रोकने एवं इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित करने ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही उच्च अधिकारियों से चर्चा कर यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा कि हर जरूरतमंद को दवा दी जा सके। साथ ही निजी अस्पतालों में भेजी जा रही रेमडेसिविर वहीं के मरीजों को निर्धारित दर पर लगाई जाए यह सुनिश्चित करने जिम्मेदार नोडल की नियुक्ति की जाए।
Published on:
15 Apr 2021 09:51 am
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