
देख लीजिए स्वास्थ्य मंत्री जी, आपके कर्मचारी बीमार हैं और विभाग खर्च देने को तैयार नहीं
दुर्ग . स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को लंबे समय से मेडिकल क्षतिपूर्ति की राशि नहीं मिल रही है। महीनों से बिल जमा करने के बाद भी कर्मचारी कार्यालय का चक्कर लगाने विवश हंै। कर्मचारियों की समस्याओं को देखते हुए स्वास्थ्य एवं बहुउद्देश्यी कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने संचालक रानू साहू से मुलाकात राशि शीघ्र जारी करने की मांग की।
गंभीर रूप से बीमार कर्मचारी
स्वास्थ्य विभाग में कई ऐसे कर्मचारी है जो गंभीर बीमारी से पीडि़त है। सरकारी अस्पतालों में इलाज की सुविधा नहीं होने पर उन्हें निजी अस्पताल में इलाज कराना पड़ रहा है। इलाज के एवज में मोटी राशि खर्च करनी पड़ रही है। हालंाकि कर्मचारियों को शासन ने सुविधा दे रखी है।
कई परिवार की माली हालत पूरी तरह खराब हो चुकी है
इलाज में खर्च होने पर बिल प्रस्तुत कर भुगतान ले सकते है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने पिछले डेढ़ वर्ष से आवंटन ही जारी नहीं किया है। स्वास्थ्य संगठन के पदाधिकारियों ने सचिव को बताया कि यह स्थिति पूरे प्रदेश में है। कई परिवार की माली हालत पूरी तरह खराब हो चुकी है।
दो कर्मचारियों की हो चुकी है मौत
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिला अस्पताल के नेत्र सहायक सुरेश देशमुख व स्टाफ नर्स चंद्रा भूरे की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है। उनका भुगतान अब तक विभाग द्वारा नहीं किया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने दोनों ही परिवार ने विधिवत औपचारिकताएं पूरी कर दी है।
20 लाख की है आवश्यकता
सुरेश देसमुख-२५८११७ रुपए
वीआर नायडू-३०४७७३ रुपए
चंद्रा भूरे-२८८३७९ रुपए
ईश्वर साहू-१९४५९९ रुपए
बीएन तिवारी-३४४४४७ रुपए
झामबाई साहू-५९००० रुपए
रविकुमार सिरमोर -१६७१३३ रुपए
Published on:
31 May 2018 09:28 pm
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