
दुर्ग. Electricity Bill: गांव का साधारण सा तीन कमरे का मकान और बिजली का बिल 2 लाख 26 हजार 870 रुपए...। यह सुनने में किसी के भी गले नहीं उतरेगा, लेकिन यह कमाल कर दिखाया है बिजली कंपनी के अधिकारियों ने। विभाग ने दो एकड़ के जोतनदार किसान परिवार को अक्टूबर के बिल के रूप में यह डिमांड भेजा है। घर में न एसी है और न ही फ्रिज। ऐसा कोई भी आधुनिक उपकरण भी नहीं है, जिससे भारी-भरकम बिजली की खपत हो। मामला जिले के ननकट्टी विद्युत वितरण केंद्र से संबंधित ग्राम बोड़ेगांव का है।
परिवार की मुखिया मनीबाई ताम्रकार ने बताया विभाग के ननक_ी के कर्मचारी ने उन्हें यह बिल दिया, जिसमें 2 लाख 26 हजार 870 रुपए देयक बताया गया है। परिवार का एकमात्र कमाऊ सदस्य मनीबाई के बेटे संजय ताम्रकार ने बताया कि 72 वर्षीय पिता बीमार रहते हैं और मां भी शारीरिक रूप से कमजोर हो चुकी हैं। भारी-भरकम बिल देखकर दोनों को गहरा आघात लगा है और राशि किस तरह जमा कर पाएंगे। उन्होंने बताया कि वितरण केंद्र के कर्मचारी इस पर कोई भी जवाब नहीं दे रहे हैं और पहले राशि जमा करने और बाद में एडजस्ट करने की बात कह रहे हैं।
हर माह औसत 250 से 300 का बिल
संजय ताम्रकार ने बताया कि इससे पहले हर माह उनके पास औसतन 250 से 300 रुपए का बिल आता था। सितंबर में भी उन्हें 300 रुपए का बिल दिया गया था, जिसे वे बिजली ऑफिस में 12 अक्टूबर को जमा करा चुके हैं। बिल जमा कर पखवाड़ा भी नहीं बीता था कि अब 2 लाख 26 हजार 879 रुपए का बिल थमा दिया गया है।
पूरे गांव का बिल भी 2 लाख से ज्यादा नहीं
बोड़ेगांव के किसान नेता रविप्रकाश ताम्रकार ने बताया कि सामान्य स्थिति में पूरे गांव को मिलाकर भी बिल 2 लाख रुपए से ज्यादा नहीं होता। ऐसे बेहद मामूली मकान में रहने वाले किसान परिवार को 2 लाख 26 हजार का भारी-भरकम बिल किसी के भी गले नहीं उतर रहा है। बोड़ेगांव की तरह इसी इलाके से लगे ग्राम सिरसा और परसुली में भी कई लोगों को सामान्य दिनों से ज्यादा बिल थमाए जाने की शिकायत है।
Published on:
12 Nov 2021 10:49 am
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