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पहली बार जमीन के नीचे खदानों में कॅरियर बनाएंगी CG की बेटियां, माइनिंग इंजीनियरिंग में इस साल मिलेगा प्रवेश

प्रदेश के 2 सरकारी व 4 निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों में माइनिंग की पढ़ाई अब छात्राएं भी कर सकेंगी। ऐसे ही पॉलीटेक्निक कॉलेजों में भी उन्हें प्रवेश मिलेगा।

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दुर्ग

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Dakshi Sahu

May 22, 2019

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पहली बार जमीन के नीचे खदानों में कॅरियर बनाएंगी CG की बेटियां, माइनिंग इंजीनियरिंग में इस साल मिलेगा प्रवेश

भिलाई . कुछ साल पहले तक कहा जा रहा था कि माइनिंग की टफ जॉब लड़कियों के बस की बात नहीं, लेकिन डीटीई ने इस मिथक को तोड़कर छात्राओं के हक में बड़ा फैसला ले लिया। तकनीकी शिक्षा निदेशालय ने माइनिंग इंजीनियरिंग में अब छात्राओं को भी प्रवेश देने का निर्णय लिया है।

इन कॉलेज में मिलेगा एडमिशन
प्रदेश के 2 सरकारी व 4 निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों में माइनिंग की पढ़ाई अब छात्राएं भी कर सकेंगी। ऐसे ही पॉलीटेक्निक कॉलेजों में भी उन्हें प्रवेश मिलेगा। काउंसलिंग में उनके लिए माइनिंग का विकल्प खोल दिया जाएगा। पिछले साल तक यदि छात्रा माइनिंग चुनना भी चाहे तो सॉफ्टवेयर उसे इसकी इजाजत नहीं देता था। अब छात्राएं इस क्षेत्र में खुद को साबित करने के लिए तैयार हैं।

अध्यादेश में सिर्फ लड़कों के प्रवेश का था नियम
पिछले साल तक काउंसलिंग में कोई भी छात्रा माइनिंग के लिए एप्लाई नहीं सकती थी। माइनिंग इंजीनियरिंग के लिए बनाए गए अध्यादेश में ही इनको जगह नहीं दी गई थी, पर इस साल इसमें संशोधन किया गया। लड़कियों के लिए यह क्षेत्र सुरक्षित नहीं माना गया था। पिछले कुछ साल में देश व प्रदेश में कई खानें नई शुरू हुई हैं, जिनमें नौकरियों के लिए सिर्फ लड़कों का एकाधिकार था, लेकिन इस साल से अब लड़कियां भी इसमें हाथ आजमाएंगी।

शासन ने दी मंजूरी
इसी तरह बहुत सी निजी कंपनियों में पहले तक सिर्फ छात्राओं को माइन प्रबंधन का काम सौंपा जाता है, लेकिन जब छात्राएं इसमें ग्राउंड लेवल की डिग्री लेकर निकलेंगी तो उन्हें खदान की हर जिम्मेदारी मिलेगी। ज्वाइंट डायरेक्टर डीटीई एके गर्ग ने बताया कि इस साल से इंजीनियरिंग और पॉलीटेक्निक में माइनिंग के लिए छात्राएं भी पात्र होंगी। काउंसलिंग के जरिए उन्हें प्रवेश दिया जा सकेगा। राज्य शासन ने इसकी मंजूरी दे दी है।

पत्रिका ने की थी सबसे पहले खबर प्रकाशित
सोच का दायरा तोड़कर कई छात्राएं माइनिंग इंजीनियरिंग में खुद को साबित करने के लिए बेताब हैं। पत्रिका ने उनकी यह बेताबी सरकार के सामने रखी थी, जिसके बाद नए सत्र से छात्राओं को भी इसमें मौका देने का भरोसा दिलाया गया था। पत्रिका ने पिछले साल काउंसलिंग के ठीक पहले खबर प्रकाशित कर माइनिंग के लिए छात्राओं का नजरिया बताया था। इसी तरह पत्रिका की पैरेंटिंग टुडे मुहिम के जरिए इसमें प्रवेश लेने की इच्छुक छात्राओं को प्रदेश के बाहर जाकर भी कोर्स के रास्ते सुझाए थे।