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दुर्ग यूनिवर्सिटी के एक ई-मेल से 50 कॉलेजों में मचा हड़कंप, जानिए क्या है कारण

हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के एक इ-मेल ने बुधवार को 50 कॉलेजों में हड़कंप मचा गया।

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दुर्ग

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Dakshi Sahu

Dec 13, 2018

PATRIKA

दुर्ग यूनिवर्सिटी के एक ई-मेल से 50 कॉलेजों में मचा हड़कंप, जानिए क्या है कारण

भिलाई . हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के एक इ-मेल ने बुधवार को 50 कॉलेजों में हड़कंप मचा गया। कॉलेजों को इ-मेल में जरूरी निर्देशों के साथ 17 दिसंबर को होने वाली बीएससी प्रथम वर्ष पूरक परीक्षा का औद्योगिक माइक्रो बायोलॉजी प्रश्न-पत्र भी अटैच था। कॉलेजों ने इसकी सूचना विवि को दी। वहां से पेपर को सैंपल बताकर फौरन डिलीट करने के निर्देश दिए गए।

पेपर भी कर दिया था अटैच
जानकारी के मुताबिक विश्वविद्यालय की तरफ से कॉलेजों को बताया गया कि यह अटैचमेंट गलती से इ-मेल के साथ गया है, जिसे सिस्टम से हटा दें। प्रश्न-पत्र का कोड बीडी २६६८ एस है। यहां एस का मतलब सप्लीमेंट्री (पूरक) होता है। यानि यह वही पर्चा था, जिसे विवि परीक्षा में उपयोग करता है। हालांकि विवि प्रशासन ने इस बात को नकारते हुए इस प्रश्न-पत्र का कोई मोल नहीं बताया है। मामला संजीदा होने के बाद अब विवि नया पेपर सेट कराएगा।

गनीमत है जिस विषय का पेपर था उसमें दो ही परीक्षार्थी
विवि प्रशासन ने बताया कि पूरक परीक्षा की समय-सारिणी में कुछ त्रृटि थी, जिसे सुधारकर पढऩे का निर्देश कॉलेजों को भेजा गया था। जिस कंप्यूटर से यह ई-मेल निकला, उसमें ही प्रश्न-पत्र की कॉपी भी रखी हुई थी। मेल करने वाले ने अटैच सामाग्री में प्रश्न-पत्र(विवि के मुताबिक सैंपल) भी जोड़कर मेल सेंड कर दिया।

दो ही विद्यार्थी इस प्रश्नपत्र के
इस मामले की जानकारी कॉलेजों ने दी, जबकि इससे पहले विवि प्रशासन को इसका कोई इल्म नहीं था। विवि ने यहां अपना पक्ष रखते हुए कहा है इस प्रश्न-पत्र की परीक्षा में सिर्फ दो विद्यार्थी ही शामिल होने वाले थे। पेपर की हार्डकॉपी सील लिफाफे में केंद्र पहुंचाई जाती है। इसका मतलब यह है कि जो प्रश्न-पत्र कॉलेजों ने देखा है, उसे लीक कहना ठीक नहीं होगा, क्योंकि विवि ने 17 दिसंबर का पेपर अभी केंद्र नहीं पहुंचाया है।

पूरक परीक्षा का कोड अंकित
विवि भले ही इस प्रश्न-पत्र को सैंपल बता रहा है, लेकिन यहां सवाल यह उठता है कि पूरक परीक्षा के कोड उस पर अंकित क्यों है? इसी तरह सैंपल ही सही पर ऐसे गोपनीय प्रश्न-पत्र विवि स्टाफ के कंप्यूटर तक कैसे पहुंचे। कॉलेजों को भेजे जा रहे निर्देशों के साथ ई-मेल अटैचमेंट में क्या जा रहा है, इसकी सुध तक नहीं ली गई। विवि प्रशासन ने प्रश्न-पत्र को तुरंत डिलिट करने को क्यों कहा। विवि ने मानवीय त्रृटि बताया है, लेकिन इसने विवि की गोपनीयता भंग की है।

सैंपल पत्र भी अैटच हो गया
कुलसचिव हेमचंद विवि. डॉ. राजेश पांडेय ने बताया कि कॉलेजों को पूरक परीक्षा के निर्देश भेजे जा रहे थे, जिसमें एक सैंपल पत्र भी अटैच होकर चला गया। हमने तुरंत ही कॉलेजों को सूचना दे दी कि इसे डिलीट कर दें। इसे लीक कहना ठीक नहीं होगा। यह मेल भेजते वक्त गलती से हुआ होगा। वैसे भी पेपर १७ दिसंबर को है और हमने अभी कॉलेज को पेपर नहीं भेजे हैं।