ट्रैक पर बैरिकेटिंग करने के लिए दूसरे चरण में 76 करोड़ रुपए खर्च किया जाएगा। इस राशि से रायपुर-बिलासपुर रूट पर और दुर्ग से आगे राजनादगांव तक की सीमा का निर्धारिण किया गया है। सेकेण्ड फेस के लिए करीब 80 किलोमीटर का प्रस्ताव भेजा गया था।
पहले चरण में रायपुर से भिलाई के बीच 17 किलोमीटर की बैरिकेटिंग हो चुकी है। अब इसके आगे राजनांदगांव की ओर80 किलोमीटर में बैरिकेटिंग की जाएगी। दूसरे चरण के काम के लिए जल्द टेंडर जारी किया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि यह काम रेलवे की प्राथमिकता में है। हालांकि यह बड़ा काम है पर इस काम को समय पर पूरा कर लिया जाएगा।
हाइस्पीड ट्रेन चलाने के लिए ट्रैक को सुरक्षित करना आवश्यक है,ताकि किसी तरह का हादसा न हो। कोई वाहन भी पार नहीं करेगा। हाइस्पीड ट्रेन तूफानी रफ्तार से दौड़ेगी। आमतौर पर मवेशी ट्रैक पर आ जाते हैं। रेलवे फाटक पर ट्रेन के गुजरने के समय लोग करीब खड़े हो जाते हैं।
रेलवे शहरी क्षेत्र के रेलवे फाटक को बंद कर रहा है। लोगों की सुविधा के लिए अंडर ब्रिज व ओवरब्रिज का निर्माण किया जा रहा है। भिलाई-दुर्ग में मुबई -हावड़ा रूट पर नेहरू नगर चौक पर अंडरब्रिज व ओवरब्रिज का निर्माण किया जा रहा है। यह लगभग दो माह में पूरा हो जाएगा।
सुपेला रेलवे फाटक पर अंडरब्रिज निर्माण के लिए सर्वे किया जा चुका है। दुर्ग में रायपुर नाका और धमधा नाका रेलवे फाटक में अंडरब्रिज निर्माण की मंजूरी मिल चुकी है। इसके आगे उरला और बघेरा रेलवे फाटक पर भी अंडरब्रिज बनाया जाएगा। इसके लिए भी रेलवे प्रस्ताव बना रहा है।
रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि कुछ स्थानों पर सीमेंट पोल की मदद से लोहे की जाली लगाए जाएगी। वहीं कुछ स्थानों पर लोहे के एंगल लगाकर बेरीकेटिंग किया जाएगा। यह भी सुरक्षा का एक हिस्सा है। बैरिकेट की उंचाई पांच फीट है। इससे सामान्य तौर पर कोई कूद कर ट्रैक पर नहीं जा सकेगा।
मुबंई-हावड़ा रुट पर अभी 110 एक्सप्रेस ट्रेन व लोकल गाडिय़ा चल रही हैं। ट्रैफिक को कम करने के लिए तीसरी रेल लाइन बिछाने का कार्य रायपुर मंडल में पूरा हो चुका है। नागपुर मंडल में कार्य चल रहा है। अधिकारियों के अनुसार नागपुर तक तीसरी लाइन बिछाने में काम भी तेजी लाई गई है।
मुंबई-हावड़ा पर अभी 110 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से ट्रेन चल रही है। हाइस्पीड ट्रेन की रफ्तार 160 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी। हाइस्पीड ट्रेन से यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचने में कम समय लगेगा। अधिकारियों को कहना है कि ट्रैफिक को कंट्रोल करने के उद्देश्य से ट्रैक पर हाइस्पीड ट्रेन दौड़ाने की योजना पर काम शुरू किया गया है।