
इको फ्रेंडली गणेश विसर्जन का ट्रेंड, लोगों ने घर पर टब में किया लंबोदर को विदा, श्रद्धा की मिट्टी गमलों में डाली
भिलाई. विघ्नविनाशक भगवान गणेश (Ganesh Visarjan) की विदाई सोमवार को भी भक्तों ने धूमधाम से की। ढोल-नगाड़े के संग रंगगुलाल उड़ाते भक्तों ने गणेशजी के जयकारे लगाए। अगले बरस जल्दी आने की कामना के साथ भक्तों ने उन्हें विदा किया। विसर्जन का दौर रविवार सुबह से ही शुरु हुआ जो सोमवार तक जारी है। छोटे बच्चों के लेकर महिलाओं और युवाओं ने मिलकर अपने प्यारे गणपति को विदा करने से पहले उनके कान में अपनी मनोकामना भी कही। शहर में कई लोगों ने प्रतिमा को नदी या तालाब में विसर्जित करने की बजाए घर पर ही पानी के टब में विसर्जन किया। ताकि मिट्टी की प्रतिमा पानी में घुल जाए और नदी, तालाब प्रदूषण से बचे रहे। कोविड गाइडलाइन के चलते इस बार झांकी नहीं निकाली गई, लेकिन अपने प्यारे गणेश महाराज को विदा करने लोग नदी, तालाब तक जरूर पहुंचे। इधर प्रतिमा की साइज भी छोटी होने के कारण नदी किनारे भी विसर्जन को लेकर ज्यादा दिक्कत नहीं हुई।
घरों में भी विसर्जन
कई लोगों ने नदी और तालाब को प्रदूषण से बचाने घर पर ही विसर्जन किया। रिसाली निवासी महेन्द्र पाल एवं उनके परिवार ने अपने घर के गणपति का घर में ही विर्सजन किया। उन्होंने बताया कि वे कई वर्षो से घर पर ही प्रतिमा का विसर्जन कर रहे हैं। जिसके बाद घुली मिट्टी में वे सुगंधित फूल के पौधे लगाते हैं ताकि गणपति वर्षभर उनके साथ रहें।
मिट्टी पहुंचाएंगे घर-घर
स्वच्छता टीम के प्रेम साहू ने बताया कि तालपुरी में गणपति विजर्सन के लिए एक टैंक बनाया गया। जिसमें आसपास के लोगों ने अपने-अपने गणपति को विसर्जित किया है। विसर्जन के बाद जब मिट्टी की प्रतिमा घुल जाएगी तब वे मिट्टी को सभी घरों में बाटेंगे, ताकि घर के बगीचे, गमले में यह मिट्टी भगवान गणेशजी की याद दिलाती रहे। उन्होंने बताया कि नदी और तालाब को स्वच्छ रखने वे पिछले तीन साल से अभियान चला रहे हैं। इसी के तहत पिछले कई वर्षो से लोगों को मिट्टी के गणेश जी स्थापित कर प्रतिमा का घर पर ही विसर्जन करने प्रेरित भी कर रहे हैं।
Published on:
20 Sept 2021 05:26 pm
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