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Breaking : हर सांस के लिए दौडऩे वाली संजीवनी, नए साल में थम जाएगी

वेतन विसंगति को दूर करने की मांग पर विचार नहीं किए जाने से आपात कालीन सेवा के तहत कार्य करने वाले संजीवनी 108 एम्बुलेंस के कर्मचारी आक्रोशित है। 

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दुर्ग

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Dakshi Sahu

Dec 26, 2017

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दुर्ग . वेतन विसंगति को दूर करने की मांग पर विचार नहीं किए जाने से आपात कालीन सेवा के तहत कार्य करने वाले संजीवनी 108 एम्बुलेंस के कर्मचारी आक्रोशित है। मंगलवार को जनदर्शन में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए चेतावनी दी है कि नए साल के 15 तारीख को वे फिर से सामूहिक अवकाश लेंगे। इसके बाद भी कार्यवाही नहीं हुई तो वे धरना प्रदर्शन करेंगे।

चरणबद्ध आंदोलन की चेतावनी
दुर्ग शासन की योजना के तहत प्रदेश भर में शुरु की गई 108 संजीवनी सेवा के पायलट पिछले एक वर्ष से वेतन समस्या को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। आक्रोशित पायलटों ने एक बार फिर 15 जनवरी से चरणबद्ध आंदोलन की चेतावनी दी है। मंगलवार को पायलट संघ के पदाधिकारी कलेक्टोरट पहुंचे और समस्याओं से अवगत कराया।

धरना प्रदर्शन करेंगे
संघ के अध्यक्ष के व्येकेटशवरण ने बताया कि वे अपनी मांग को लेकर स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर से लेकर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से मिल चुके है। इसके बाद भी समस्या वहीं की वहीं है। स्थिति ऐसी है कि अब शिवाय आंदोलन के उनके पास दूसरा रास्ता नहीं है। यहीं कारण है कि उन्होंने 15 जनवरी को सामूहिक अवकाश लेंगे। इसके बाद भी अगर बात नहीं बनी तो वे जल्द ही धरना प्रदर्शन करेंगे।

समझौता तो हुआ, लेकिन अमल नहीं
इसके पहले पायलटो ने अक्टूबर माह में प्रदर्शन किया था। तब प्रदेश भर के 108 के पहिए थमने की स्थिति में थी। इस प्रदर्शन के बाद शासन स्तर पर बैठक हुई। कंपनी को निर्देश दिया गया कि वे कर्मचारियों को निश्चत वेतनमान नहीं योजना के तहत न्यूनतम वेतन मान दे। इस आश्वासन के बाद 108 के पायलट काम पर वापस लौट गए थे। तीन माह बीतने के बाद अमल नहीं होने पर पायलट फिर से हड़ताल करने की मंशा में है।

जीवीके कंपनी के कर्मचारी है
छत्तीसगढ़ में एम्बुलेंस चलाने का ठेका जीवीके कंपनी ने लिया है। इसमें कार्य करने वाले पायलट व सहायक को वेतन कंपनी करती है। साथ ही वेन का मेंटेनेस की जिम्मेदारी भी कंपनी को है। दो वर्ष पहले वेतन नहीं मिलने पर कर्मचारी काम बंद कर गाड़ी की चाबी सीएमएचओ को सौंप दिया था। इसके बाद आनन फानन कर्मचारियों को वेतन दिया गया था।