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आरबीआई के अनुसार देश में कब देखने को मिलेगी पॉजिटिव जीडीपी में ग्रोथ

आरबीआई गवर्नर ने कहा, वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में पॉजिटिव ग्रोथ देखने को मिल सकती है आरबीआई ने कहा कि दिखने लगे अर्थव्यवस्था में सुधार के लक्षण, ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सबसे ज्यादा मजबूती

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Saurabh Sharma

Oct 09, 2020

UN and IMF's big estimate on Indian GDP, know here

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नई दिल्ली। भले ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी की ग्रोथ में 9.50 फीसदी रहने की संभावना है, लेकिन उन्होंने इस बात को भी स्वीकार किया कि देश की इकोनॉमिक रिकवरी के भी संकेत देखने को मिले हैं। हालिया आंकड़े फिर चाहे वो मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई के हों जो 2012 के बाद से उच्चतम स्तर पर आ गए हैं या फिर सर्विस सेक्टर के। उन्होंने रिकवरी कमें ग्रामीण इकोनॉमी का सबसे बड़ा सहारा बताया है। उन्होंने रूरल इकोनॉमी में तेजी के कारण रिकवरी देखने को मिल रही ळै। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर आरबीआई के अनुसार जीडीपी ग्रोथ रेट पॉजिटिव देखने को मिलेगी।

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चौथी तिमाही में आएगी तेजी
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अर्थव्यवस्था में सुधार के लक्षणों का जिक्र करते हुए शुक्रवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में पॉजिटिव ग्रोथ देखने को मिल सकती है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार के लक्षण दिखने लगे हैं और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सबसे ज्यादा मजबूती है। उन्होंने कहा कि खाद्यान्नों के उत्पादन में देश में नया रिकॉर्ड बन सकता है। शक्ति कांत दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि मानसून बेहतर रहने और खरीफ फसलों रकबा बढ़ा है और रबी फसलों का भी आउटलुक अच्छा है, जिससे खाद्यान्नों के उत्पादन में नया रिकॉर्ड बन सकता है।

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9.50 की रह सकती है जीडीपी में गिरावट
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वित्त वर्ष की जीडीपी ग्रोथ जीरो से 9.50 फीसदी नीचे की ओर का अनुमान लगाया है। यानी ग्रोथ 9.50 फीसदी की गिरावट के साथ रह सकती है। शक्तिकांत दास ने कहा कि वर्ष 2021 के लिए वास्तविक जीडीपी में 9.5 फीसदी की गिरावट की संभावना है। उन्होंने कहा कि बीते दिनों आए आर्थिक आंकड़ों से इकोनॉमिक रिकवरी के संकेत मिले हैं। ग्लोबल इकोनॉमी भी मजबूती के साथ आगे की ओर बढ़ रही है।मैन्युफैक्चरिग, रिटेल बिक्री में कई देशों में रिकवरी दिखी है. खपत, एक्सपोर्ट में भी कई देशों में सुधार दिखने को मिला है।

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रेपो दरों में कोई बदलाव नहीं
आरबीआई एमपीसी ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोर्ट बदलाव नहीं किया है। ऐसे में आम लोगों के लिए रेपो रेट की दरें 4 फीसदी पर ही रहेंगी। वहीं रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी बरकरार रहेंगी। एमपीसी के सदस्यों में से सभी ने 6 मेंबर्स रेपो दरों में स्थिर रखने का फैसला लिया। ब्याज दरों को लेकर अकोमोडेटिव रुख बरकरार रखने की बात कही गई है। आपको बता दें कि फरवरी 2019 के बाद से अब तक एमपीसी ने रेपो रेट में 2.50 फीसदी की बड़ी कटौती कर चुका है।