
भारत में गेहूं और चावल का पर्याप्त स्टॉक...लेकिन बफर स्टॉक बढ़ाने से बढ़ेंगी कीमतें
गेहूं और चावल की मौजूदा खरीद से सरकारी भंडारों में खाद्यान्न का पर्याप्त भंडार बना हुआ है। भारत में गेहूं और चावल की संयुक्त स्टॉक स्थिति बेहतर स्तर पर है और यह 570 लाख मीट्रिक टन है। सरकार के पास खाद्यान्न की सभी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त स्टॉक है। केंद्र की ओर से खरीफ विपणन सीजन 2022-23 के दौरान धान की खरीद सुचारू रूप से चल रही है, क्योंकि न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत 19 जून तक केंद्रीय पूल के लिए 830 एलएमटी से अधिक की खरीद की जा चुकी है।
धान के बदले चावल की डिलीवरी
खरीदे गए धान के बदले चावल की डिलीवरी भी चल रही है। केंद्रीय पूल में 19 जून तक लगभग 401 एलएमटी चावल प्राप्त हो चुका है और 150 एलएमटी अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है। रबी विपणन सीजन 2023-24 के दौरान गेहूं की खरीद भी सुचारू रूप से चल रही है। चालू सीजन में 19 जून तक गेहूं की खरीद 262 एलएमटी है, जो पिछले साल की कुल खरीद 188 एलएमटी से 74 एलएमटी अधिक है।
बफर स्टॉक बढ़ाने से बढ़ेंगी चावल, गेहूं की कीमतें
सरकार खाद्य सुरक्षा कानून के तहत चावल और गेहूं के बफर स्टॉक को लगभग 60 फीसदी तक बढ़ाने पर विचार कर रही है। लेकिन, इस तरह के भंडारण से खुले बाजार में खाद्यान्न की कीमतों में वृद्धि हो सकती है। कानून में प्राथमिकता वाले परिवारों को प्रति माह 5 किलोग्राम खाद्यान्न और अत्यंत गरीब परिवारों को 35 किलोग्राम प्रति माह अनाज देने का प्रावधान है। खाद्य मंत्रालय ने एक साल में न्यूनतम 150 मीट्रिक टन बफर स्टॉक बनाए रखने के लिए नियमों में बदलाव का प्रस्ताव दिया है। अभी तक एक साल में न्यूनतम बफर स्टॉक 99.30 मीट्रिक टन है।
Published on:
22 Jun 2023 03:36 pm
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