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Coronavirus Lockdown: CMIE की रिपोर्ट का अनुमान, 23 फीसदी हो सकते हैं बेरोजगार

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी के साप्ताहिक सर्वे में लगाया गया अनुमान मार्च के मध्य में देश की बेरोजगारी दर थी 8.4 फीसदी, दो हफ्ते में 5 करोड़ नौकरी साफ शहरी इलाकों में बेरोजगारी दर के 30.9 फीसदी तक पहुंचने का है अनुमान

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Coronavirus lockdown CMIE report estimate 23 percent may be unemployed

नई दिल्ली।कोरोना वायरस की वजह से देश मंदी की ओर बढ़ रहा है। जिसका असर देश में नौकरियों में दिखाई देने लगा है। बीते कुछ दिनों में आई रिपोर्ट इस बात की गवा है कि कई सेक्टर्स में करोड़ों नौकरियांं खतरे में हैं। कुछेक ने तो यह आंकड़ां 13 करोड़ से अधिक बताया है। जब जो रिपोर्ट सामने आई है वो और भी ज्यादा भयावह हैै। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी के साप्ताहिक सर्वे में अनुमान लगाया गया है कि देश में करीब एक चौथाई आबादी बेरोजगारी के चपेट में आ सकती है। जिसमें सबसे ज्यादा असर शहरी इलाकों में देखने को मिल सकता है। आपको बता दें कि मार्च के मध्य तक देश में बेरोजगारी दर साढ़े आठ फीसदी से नीचे थी। जिसके करीब करीब तीन गुना बढऩे की अनुमान लगाया गया है।

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देश में बेरोजगारी दर 23 फीसदी से ज्यादा बढऩे का अनुमान
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी के साप्ताहिक सर्वे के अनुमान के अनुसार कोरोना वायरस के संकट के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर पडऩे का अनुमान है, जिसकी वजह से देश में अनुमानित 23.4 फीसदी यानी करीब एक चौथाई लोगों के सामने बेरोजगारी संकट पैदा होने की संभावना बढ़ गई हैं। इनमें भी सबसे ज्यादा असर शहरी इलाकों में देखने को मिल सकता है। आंकड़ों के अनुसार शहरी इलाकों में यह दर 30.9 फीसदी तक जाने की संभावना है। 5 अप्रैल को समाप्त हुए सप्ताह में यह डेटा रिलीज किया गया था। संस्था के अनुसार देश में मार्च के मध्य में बेरोजगारी की दर 8.4 फीसदी थी, जिसके अब 23 फीसदी तक बढऩे की संभावना है।

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दो सप्ताह में 5 करोड़ बेरोजगार
एक अंग्रेजी मीडिया को दिए बयान के अनुसार देश के पूर्व मुख्य सांख्यिकीविद प्रणब सेन के अनुसार बीते दो सप्ताह में करीब 5 करोड़ लोग लॉकडाउन की वजह से बेरोजगार हो गए हैं। उन्होंने कहा कि शहरी इलाकों में काम करने वाले लोग अपने गांव की ओर कूच कर गए हैं। उन्होंने कहा कि असल आंकड़ें लॉकडाउन खत्म होने के बाद की सामने आने के आसार हैं, जो अनुमान से कहीं ज्यादा होंगे। उन्होंने बेरोजगारी दर बढऩे की बड़ी वजह संगठित क्षेत्र की नौकरियों के अभाव को भी बताया है।

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अमरीका में 15 दिनों में एक करोड़ बेरोजगार
सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दूनिया के तमाम देशों में बेरोजगारी के भयावह आंकड़े सामने आए हैं। बात अमरीका की ही करें तो 15 दिनों में वहां 1 करोड़ लोगों ने बेरोजगार होने का दावा किया गया है। जानकारों की मानें तो असली आंकड़ा लॉकडाउन खुलने के बाद सामने आएगा। जो अनुमान से कहीं ज्यादा होंगे। आपको बता दें कि देश में एक तिहाई लोग इंफॉर्मल सेक्टर में काम करते हैं। यही वो वर्कफोर्स है मौजूदा महामंदी की आहट से सबसे ज्यादा डरा हुआ हैै।