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ईरान पर प्रतिबंध के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने OPEC देशों से लगाई गुहार, सोमवार को लुढ़का कच्चे तेल का भाव

अमरीका ने ईरान पर प्रतिबंध के बाद ओपेक देशों से कच्चे तेल की कीमतें कम करने की मांग की। सोमवार दोपहर तक ब्रेंट 71.08 डॉलर प्रति बैरल और WTI 62.91 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर। इस साल अब तक कच्चे तेल की कीमतों में 40 फीसदी तक की तेजी।

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Donald Trump and King Salman

ईरान पर प्रतिबंध के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने OPEC देशों से लगाई गुहार, सोमवार को लुढ़का कच्चे तेल का भाव

नई दिल्ली। सप्ताह के पहले दिन यानी सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का दौर देखने को मिला। इसके पहले शुक्रवार तक कच्चे तेल के भाव में लगातार तेजी दर्ज की जा रही थी। कच्चे तेल की कीमतों में यह गिरावट अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस मांग के बाद देखने को मिल रही है, जिसमें उन्होंने कहा है ईरान पर प्रतिबंध लगने के बाद ओपेक देशों को अपने तेल उत्पादन को बढ़ाना होगा।

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सोमवार को क्या रहा कच्चे तेल का भाव

सोमवार को ब्रेंट क्रुड आॅयल का भाव 71.08 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर कारोबार करते हुए नजर आया। वहीं, वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट ( Wti ) क्रुड फ्युचर 62.91 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार करते दिखाई दिया। शुरुआती सत्र में दोनों बेंचमार्क में करीब 3 फीसदी तक की गिरावट रही।

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ट्रंप ने ओपेक देशों से कच्चे तेल की कीमतों में कटौती की मांग की

एक अमरीकी बैंक ने सोमवार को कहा, "हमें इस बात से धक्का लगा जब पता चला कि राष्ट्रपति ट्रंप ने सऊदी अरब से ईरान पर प्रतिबंध की भरपाई के बारे में बात की।" शुक्रवार को डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि पेट्रोलियम निर्यात करने वाले देशों के समूह (ह्रक्कश्वष्ट) को कच्चे तेल की कीमतों में कमी करने के बारे में बात की। ट्रंप ने रिपोर्टर्स को बताया कि गैसोलिन की कीमतों में गिरावट आ रही है। मैंने ओपेक देशों के समूह से कहा है कि आपको कच्चे तेल की कीमतों में कटौती करनी होगी।

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इस साल अब तक 40 फीसदी तक बढ़ चुके हैं कच्चे तेल के दाम

गौरतलब है कि इस साल की शुरुआत से ही कच्चे तेल की कीमतों में तेजी देखने को मिली। पिछले कुछ दिनों तक यह तेजी 40 फीसदी तक की थी। ओपेक देशों द्वारा बैठक के बाद कच्चे तेल के उत्पादन के फैसले के बाद नॉन-ओपेक देशों ने भी कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती करने का फैसला लिया। इन देशों में रूस भी प्रमुख तौर पर शामिल था। रूस ने कहा है कि वो चीन में ईरान पर प्रतिबंध की वजह से बढऩे वाली मांग की भरपाई कर सकता है।

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