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Lockdown के बाद Economic Recovery में लग सकता है एक साल का समय

Published: May 04, 2020 08:52:14 am

Submitted by:

Saurabh Sharma

CII CEO Snap Survey 2020 में दी गई हैं सारी जानकारी
सर्वे के अनुसार Corporate revenue में 40 फीसदी की गिरावट संभव
54 फीसदी के अनुसार Lockdown के बाद जाएगी कई लोगों की Job

Economic Recovery

Economic recovery of the country may take a year after Lockdown

नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी ( Coronavirus Pandemic ) के कारण लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन का आर्थिक गतिविधियों पर गहरा असर देखने को मिला है। भारतीय उद्योग परिसंघ ( Confederation of Indian Industry ) द्वारा किए गए एक सीईओ स्नैप सर्वे ( CII CEO Snap Survey ) के अनुसार, 44.7 फीसदी कॉरपोरेट प्रमुख का मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था ( Indian Economy ) को सुधरने में एक साल से अधिक का समय लगेगा। अर्थव्यवस्था और उद्योग पर कोविड-19 ( COVID-19 ) के प्रभाव पर किए गए स्नैप सर्वेक्षण के अनुसार, चूंकि ज्यादातर कंपनियां अपने राजस्व में भारी गिरावट की लगातार आशंका जताई जा रही हैं, लिहाजा वे अब आर्थिक रिकवरी ( Economic Recovery ) में देरी का अनुमान लगा रही हैं। सीआईआई के अनुसार सर्वे के परिणामों से पता चलता है कि देश आर्थिक गतिविधि में एक लंबी मंदी का अनुभव कर सकता है।

कुछ इस तरह के हैं सर्वे के परिणाम
– सर्वे में 300 से अधिक सीईओ ने हिस्सा लिया, जिसमें से दो-तिहाई एमएसएमई से संबंध रखते हैं।
– लगभग 45 फीसदी के अनुसार लॉकडाउन के बाद आर्थिक रिकवरी में एक साल से अधिक का समय लग सकता है।
– लगभग 36.5 फीसदी कॉरपोरेट प्रमुखों के अनुसार आर्थिक रिकवरी में छह से 12 महीने लग सकते हैं।
– लगभग 17 फीसदी के अनुसार रिकवरी तीन से छह महीनों में हो जाएगी।
– 1.8 फीसदी की मानें तो आर्थिक रिकवरी को तीन महीनों की जरूरत है।
– 34 फीसदी के अनुसार उनकी कंपनियों की रिकवरी में छह से 12 महीने लगेंगे।
– लॉकडाउन के बाद घरेलू मांग की स्थिति सामान्य होने में छह से 12 महीने लगेंगे।

यह भी हैं कुछ आंकड़े
– आर्थिक गतिविधि बंद होने से 65 फीसदी फीसदी कंपनियों को राजस्व में अप्रैल-जून तिमाही में 40 फीसदी से अधिक की गिरावट की आशंका है।
– वित्त वर्ष 2020-2021 के लिए 33 फीसदी कंपनियों को राजस्व में 40 प्रतिशत से अधिक की गिरावट की आशंका है।
– 32 फीसदी कंपनियों को राजस्व में 20 से 40 फीसदी गिरावट की आशंका है।
– नौकरी और आजीविका के मोर्चे पर 54 फीसदी को लगता है कि लॉकडाउन समाप्त होने पर नौकरियां जाएंगी।
– 45 प्रतिशत प्रतिभागियों को 15 से 30 फीसदी नौकरियां खत्म होने का अनुमान है।

क्या कहते के सीआईआई के महानिदेशक
सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी के अनुसार आबादी पर कोरोना वायरस के प्रभाव को रोकने के लिए लॉकडाउन जरूरी था, लेकिन आर्थिक गतिविधि पर इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है। इस घड़ी में उद्योग आर्थिक पुनर्जीवन और आजीविका बचाने के लिए एक प्रोत्साहन पैकेज का इंतजार कर रहे हैं। आपको बता दें कि सीआईआई की ओर से सरकार को कुछ सुझाव भी दिए गए हैं। उन्होंने कहा है कि देश में कई ऐसे जिले हैं जो आर्थिक दृष्टिकोण से काफी मजबूत है और उनकी उत्पादन क्षमता भी अच्छी है। ऐसे में उन जिलों को चिह्नित कर वहां पर काम शुरू किया जाना जरूरी है।

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