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टैक्स कलेक्शन कम होने से पहली तिमाही में राजकोषीय घाटा हुअा 4.32 लाख करोड़ रुपए

बजटीय अनुमान के मुकाबले 61.4 फीसदी पहुंचा राजकोषीय घाटा 2019-20 के लिए 7.03 लाख करोड़ रुपए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य

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Saurabh Sharma

Aug 01, 2019

Fiscal Deficit

नई दिल्ली। टैक्स कलेक्शन में कमी का असर देखने को मिल रहा है। जिसकी वजह से भारत का राजकोषीय घाटा अप्रैल-जून 2019 की अवधि के दौरान बजट अनुमान का 61.4 फीसदी या 4.32 लाख करोड़ रुपए हो गया है। सरकार की तरफ से जारी आंकड़े में यह जानकारी सामने आई है। सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 7.03 लाख करोड़ रुपए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य निर्धारित किया है। महालेखा नियंत्रक (सीजीए) के आंकड़े के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान राजकोषीय घाटा उस वर्ष के लक्ष्य का 68.7 फीसदी था।

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केंद्र सरकार का कुल खर्च 7.21 लाख करोड़ रुपए (बजट अनुमानों का 25.9 फीसदी) बैठता है और कुल प्राप्ति 2.89 लाख करोड़ रुपए (बजट अनुमान का 15.3 फीसदी)। इसके अलावा, समीक्षाधीन अवधि के लिए कुल खर्च में 6.58 लाख करोड़ रुपए राजस्व खर्च, जबकि 63,000 करोड़ रुपये पूंजी खर्च शामिल है। कुल प्राप्तियों में 2.51 लाख करोड़ रुपए शुद्ध कर राजस्व और 33,475 करोड़ रुपये गैर-कर राजस्व प्राप्तियां हैं।

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इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (फिच समूह) में मुख्य अर्थशास्त्री देवेंद्र कुमार पंत ने कहा, "पहली तिमाही में कर संग्रह पिछले वर्ष के कर रिफंड के कारण प्रभावित हुआ है, लेकिन वृद्धि दर की मौजूदा चाल का कर संग्रह पर एक असर होगा। आयकर और केंद्रीय जीएसटी संग्रह वृद्धि दर अपेक्षाकृत बेहतर है, लेकिन कॉरपोरेट कर संग्रह की वृद्धि दर पहली तिमाही के कॉरपोरेट परिणामों को दिखा रहा है।" उन्होंने कहा, "कुल मिलाकर यदि खपत में सुस्ती को तत्काल पलटा नहीं गया, तो सरकार के लिए वित्त वर्ष 2020 के राजकोषीय घाटे को हासिल करना एक कठिन कार्य होगा।"

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