
Govt will not reduce troubles, fiscal deficit expected to be 3.7 pc
नई दिल्ली। बजट 2020 में सरकार की नजरें और ध्यान राजकोषीय घाटे पर भी होगा। पिछले बजट में सरकार ने राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 3.3 फीसदी रखा था। जो काफी आगे जा चुका है। इस बार के बजट में इस लक्ष्य में इजाफा भी हो सकता है। खास बात तो ये है कि आगामी वित्त में राजकोषीय घाट के संकेत मिल चुके हैं। इस बात के संकेत मिलने से सरकार की माथे पर चिंताओं की लकीरें बढऩे लगी हैं। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर आगामी वित्त वर्ष में सरकार का राजकोषीय घाटा कितना हो सकता है।
आगामी वित्त वर्ष में बढ़ेगा राजकोषीय घाटा
सरकार के लिए मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब सरकार के सामने बजट के बाद राजकोषीय घाटे को लेकर भी है। जिसके संकेत अभी से मिल चुके हैं। आंकड़ों की मानें तो कम राजस्व होने के बाद भी अगले वित्त वर्ष 2020-21 में सरकार का पूंजीगत खर्च चालू वित्तीय वर्ष के अनुमान से 20 फीसदी ज्यादा हो सकता है। जबकि चालू वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 27.86 लाख करोड़ रुपए था। जानकारी के अनुसार ब्याज भुगतान, पेंशन और अनुदान पर चालू वित्त वर्ष में 24.47 लाख करोड़ रुपए के राजस्व खर्च का लक्ष्य है। जिसमें वित्त वर्ष 2020-21 में 15 फीसदी कस इजाफा होने के आसार हैं। वहीं खर्च चालू वित्त वर्ष के 3.38 लाख करोड़ रुपए से अगले वित्त वर्ष में पांच फीसदी ज्यादा हो सकता है।
लगातार खर्च बढऩे से होंगी परेशानी
- वित्त वर्ष 2019-20 में केंद्र सरकार को कुल बजटीय खर्च 27.86 लाख करोड़ रुपये था।
- पूंजीगत व्यय 3.38 लाख करोड़ रुपए था।
- राजस्व खर्च 24.27 लाख करोड़ रुपए था।
- अगले वित्त वर्ष में खर्च में हो सकता है 20 फीसदी का इजाफा।
- खर्च में इजाफा होने से कुल खर्च 5.4 लाख करोड़ रुपए बढ़ेगा।
इसलिए भी आ सकती है मुसीबत
वहीं दूसरी ओर कैग सरकार को राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन अधिनियम का अनुपालन करने के लिए योजनाओं और अनुदान पर ऑफ बजट फाइनेंसिंग का उपयोग न बढ़ाने की सलाह देता है तो सरकार की मुश्किलें और बढ़ सकती है। ऑफ बजट फाइनेंसिंग में राजकोषीय संकेतकों पर ध्यान नहीं दिया जाता है। ऐसे में आगामी वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
इतना हो सकता है राजकोषीय घाटा
- विशेषज्ञों के अनुसार कर राजस्व में अनुमानित दो लाख करोड़ रुपए की कमी होने से मौजूदा राजकोषीय घाटा 3.3 फीसदी से बढ़कर 3.7 फीसदी तक जाता सकता है।
- कर्मचारियों के वेतन, पिछले कर्ज के लिए ब्याज का भुगतान, अनुदान, पेंशन आदि पर खर्च राजस्व प्राप्तियों से किया जाता है।
Updated on:
27 Jan 2020 02:45 pm
Published on:
27 Jan 2020 02:41 pm
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