
नई दिल्ली। अमरीका के ह्यूस्टन शहर में चल रहे हाउडी मोदी कार्यक्रम के तहत पीएम मोदी ने राजनितिक तीर चलाने के साथ ही देश के इकोनोमिकन फायदा पहुंचाने की भी कोशिश की है। बात साफ है कुछ पाने के लिए पहले कुछ देना जरूरी है। इसी मकसद के तहत इस हाउडी मोदी का कार्यक्रम रखा गया है। भारत को अमरीका से जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंसेज जीएसपी एक बार फिर से हासिल करना है। वहीं अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति के चुनावों में उन भारतीयों के वोट चाहिए जो अमरीका में रह रहे हैं। इसलिए इस तरह के कार्यक्रम में पहली बार अमरीकी राष्ट्रपति भारत के प्रधानमंत्री मोदी के साथ मंच शेयर करते हुए नजर आए।
आखिर क्यों बोला 'अबकी बार ट्रंप सरकार'
किसी भी देश के पीएम का अमरीका में अमरीकी राष्ट्रपति के लिए अपने देश के मूल निवासियों के सामने चुनाव प्रचार की नारे लगाना कम ही देखने को मिलता है। हाउडी मोदी में साफ दिखाई दिया। जब भारत के प्रधानमंत्री ने अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फेवर में 'अबकी बार ट्रंप सरकार' जैसे नारे लगाए। यह नारा भारत में 'अबकी बार मोदी सरकार' नाम से काफी फेमस है। इस नारे के बोलने के कई मायने हैं। पहला भारत की इकोनॉमी कुछ खास अच्छी नहीं चल रही है। भारत के सामानों पर आयात शुल्क कुछ ज्यादा ही लग रहा है। विदेशी निवेशकों का भारत में रुझान कम हुआ है। ऐसे में अगर अमरीका के राष्ट्रपति के फेवर में आने वाले राष्ट्रपति चुनावों में भारत के मूल निवसी फेवर में वोट करते हैं तो आने वाले दिनों में ट्रंप भी भारत के लिए विदेशी निवेशकों की लाइन लगाने के साथ जीएसपी का दर्जा वापस भी दे सकते हैं।
मिल सकती है 40 हजार करोड़ रुपए की राहत
प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत द्वारा अमरीका को जीएसपी के तहत 5.6 बिलियन डॉलर का सामान टैक्स फ्री इंपोर्ट की छूट मिलती थी। भारत को इससे करीब 40 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। अमरीका द्वारा जीएसपी समाप्त करने के बाद भारत के लगभग 2 हजार प्रोडक्ट्स प्रभावित हो रहे हैं। इनमें ऑटो पाट्र्स, इंडस्ट्रियल वॉल्व और टेक्सटाइल मैटीरियल प्रमुख हैं। अमरीका के प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा इस फैसले के दौरान कहा था कि भारत और अमरीका के बीच काफी बेहतर व्यापारिक संबंध हैं।
भारत और अमरीका के बीच व्यापार
ऑफिस ऑफ द यूनाइटेड स्टेट्स ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव की वेबसाइट्स https://ustr.gov/countries-regions/south-central-asia/india से मिले आंकड़ों के अनुसार दोनों देशों के बीच काफी व्यापार होता है। दोनों देशों के बीच वर्ष 2017 के हिसाब से 126.2 बिलियन डॉलर का व्यापार होता है। अगर इसे भारतीय रुपयों के हिसाब से देखें तो 8.9 लाख करोड़ रुपए के आसपास बन रहे हैं। वहीं इसमें भारत की भागेदारी 76.7 बिलियन डॉलर यानि 5.43 लाख करोड़ रुपए की है। वहीं अमरीका की हिस्सेदारी 49.4 बिलियन डॉलर यानि 3.5 लाख करोड़ रुपए की है।
अमरीका को भी हो नुकसान
कोलेशन फॉर जीएसपी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डैन एंथनी के अनुसार भारत से जीएसपी दर्जा छीने जाने के बाद से ही अमरीकी कंपनियां संसद को नौकरियों और आमदनी के नुकसान के बारे में जानकारी दे रही हैं। इसका नुकसान भारत को नहीं अमरीका को भुगतना पड़ रहा है। इंडियन एक्पोर्टर की हालत जीएसपी के हटने के बाद भी अच्छी स्थिति में दिखाई दे रही है। वहीं अमरीकी कंपनियों को हर दिन 10 लाख डॉलर 7 करोड़ रुपए नए टैरिफ के तौर पर चुकाने पड़ रहे हैं। आंकड़ों की मानें तो जुलाई में ही अमरीकी कंपनियों को 3 करोड़ डॉलर ( 214 करोड़ रुपए ) का नुकसान झेलना पड़ा है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
इस मामले में जानकारों का कहना है कि हाउडी मोदी कार्यक्रम से देश के उद्योगों के साथ अमरीका में रह रहे भारतीय को काफी फायदा होगा। एंजेल ब्रोकिंग रिसर्च एंड कमोडिटी के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता के अनुसार जीएसपी के तहत जिन वस्तुओं का निर्यात अमरीका में किया जा रहा था, वो एक बार फिर से फायदे में आने के आसार है। वहीं दूसरी आयुर्वेदिक वस्तुओं की डिमांड में भी इजाफा होगा। वहीं जूूट के व्यापार में सबसे ज्यादा तेजी देखने को मिल सकती है। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि भारतीयों के लिए एच1बी वीजा में भी राहत मिलती हुई दिखाई दे सकती है।
Updated on:
23 Sept 2019 07:32 pm
Published on:
23 Sept 2019 01:59 pm
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