मोदी को एक आैर मौके से वंचित रखना अर्थव्यवस्था के लिए रिस्क
लेकिन राजनीति परिदृश्य से इतर यदि हम नरेंद्र मोदी की जीत को आर्थिक मोर्च पर देखें तो आने वाले दिनों में प्रधानमंत्री मोदी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए साकारात्मक साबित हो सकते हैं। आर्थिक मामलों से जुड़ें जानकारों आैर एजेंसियों का मानना है कि मोदी की जीत से आर्थिक तेजी, आैर भारतीय बाजार पर मोदी की जीत का साकाारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा। पिछले माह ही सिस्को के पूर्व एग्जीक्युटिव चेयरमैन व सीर्इआे जाॅन चैम्बर्स ने कहा था कि, “यदि नरेंद्र मोदी दोबारा प्रधानमंत्री नहीं बनते हैं तो भारत के आर्थिक तेजी की रफ्तार पर बुरा प्रभाव देखने को मिलेगा। मेरा मानना है कि मोदी सरकार को अपना विजन पूरा करने के लिए एक आैर मौके से वंचित रखना बड़ा रिस्क हाेगा।” उन्होंने आगे कहा, भारत के पास दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की क्षमता है।
चुनाव पर होगी निवेशकाें की नजर
हाल ही में ग्लोबल इन्वेस्टमेंट बैंक माॅर्गन स्टेनली ने अुनमान लगया था कि यदि 2019 लोकसभा चुनाव दमदार होता है तो घरेलू शेयर बाजार का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 44,000 के जादुर्इ आंकड़ें को पार कर सकता है। अभी से ही बाजार में आगामी लोकसभी चुनाव को लेकर साकारात्मक सेंटीमेंट देखने को मिल रहे हैं। वित्त वर्ष 2019 में अर्निंग ग्रोथ में 29 फीसदी की इजाफा आैर वित्त वर्ष 2020 में ये 26 फीसदी रहेगा। इसके पहले इस इन्वेस्टमेंट बैंक ने इस बात का भी अनुमान लगाया था कि 2019 लोकसभा चुनाव के बाद एक कमजोर गठबंधन भी देखने को मिल सकता है। लेकिन यदि कोर्इ पार्टी 260 से अधिक सीट जीतती है तो एेसे में निवेशकाें का रूझान देखने को मिल सकती है। इस रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया था कि यद कोर्इ पार्टी 220 से 260 के बीच सिमट जाती है तो एेसे में निवेशक कंज्यूमर स्टेपल्स, इनफाॅमेशन टेक्नाेलाॅजी आैर मैटेरियल स्टाॅक्स के तरफ रूख कर सकते हैं।