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भुखमरी मिटाने में मनमोहन सिंह से पिछड़ी मोदी सरकार, इस रिपोर्ट में हुआ खुलासा

locationनई दिल्लीPublished: Oct 15, 2018 05:20:12 pm

Submitted by:

Manoj Kumar

यह रिपोर्ट हर साल अक्टूबर में जारी होती है।

Global Hunger Index

भुखमरी मिटाने में मनमोहन सिंह से पिछड़ी मोदी सरकार, इस रिपोर्ट में हुआ खुलासा

नई दिल्ली। पिछले चार सालों में आम जनता को राहत देने के लिए कल्याणकारी योजनाएं चलाने वाली केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार एक मोर्चे पर पिछड़ गई है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स की ओर से हाल ही में जारी 2018 की रिपोर्ट के अनुसार भारत भूख मिटाने के मामले में 119 देशों की सूची में 103वें स्थान पर आया है। रिपोर्ट के अनुसार, बीते चार सालों में भारत की रैंकिंग हर साल पिछड़ते 48 अंक गिरकर 103वें स्थान पर पहुंच गई है। यह रिपोर्ट इसलिए भी चौंकाने वाली है कि मोदी सरकार बनने से पहले 2013 में भारत ग्लोबर हंगर इंडेक्स में 55वें स्थान पर था। उस समय मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री थे।
ये कहती है रिपोर्ट

जर्मनी की संस्था वेल्ट हंगरलाइफ हर साल ग्लोबल हंगर इंडेक्स जारी करती है। इस इंडेक्स की शुरुआत 2006 में की गई थी। यह इस इंडेक्स का 13वां संस्करण है। इस इंडेक्स में दुनियाभर के देशों में खानपान की स्थिति का विस्तृत ब्योरा दिया जाता है। साथ ही रिपोर्ट में लोगों को मिलने वाले खाद्य पदार्थ, उसकी गुणवत्ता, मात्रा और कमियों का जिक्र होता है। यह रिपोर्ट हर साल अक्टूबर में जारी की जाती है।
ये कहती है रिपोर्ट

ग्लोबर हंगर इंडेक्स-2018 के अनुसार, रिपोर्ट में शामिल कुल 119 देशों में भारत को 103वां स्थान मिला है। भारत इस रिपोर्ट में नेपाल और बांग्लादेश जैसे देशों से भी पीछे है। इस रिपोर्ट में पाकिस्तान को 106वीं रैंक मिली हो जो भारत से तीन पायदान नीचे हैं। इस रिपोर्ट में नेपाल को 72वीं रैंक और बांग्लादेश को 86वीं रैंक मिली है। इस रिपोर्ट में बेलारूस को पहली रैंक मिली है जबकि चीन 25वें स्थान पर है।
ये रहा मोदी सरकार का प्रदर्शन

केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद से भारत ग्लोबल हंगर इंडेक्स में लगातार पिछड़ रहा है। मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान 2013 में भारत इस इंडेक्स में 55वें स्थान पर था। 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद अक्टूबर में आई इस रिपोर्ट में भारत को 99वां स्थान मिला था। हालांकि, इससे अगले साल 2015 में थोड़ा सुधार हुआ और भारत 80वें स्थान पर पहुंच गया था। लेकिन इसके बाद से भारत लगातार पिछड़ रहा है। 2016 में भारत 97वें और 2017 में 100वें स्थान पर रहा।
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