
India's foreign wealth has increased in a year, know how much increase
नई दिल्ली। किसी भी देश के लिए विदेशी मुद्रा भंडार काफी अहम होता है। जितना विदेशी मुद्रा भंडार किसी भी देश के पास होता है, उसे आयात करने और उधार कम लेने की सहुलियत होती है। अगर बात भारत की करें तो कोविड साल में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है। उसका कारण है कि भारत ने आयात कम किया और विदेशी निवेशकों की ओर से भारत में ज्यादा से ज्यादा निवेश किया। आंकड़ों के अनुसार भारत के विदेशी मुद्रा भंडार 125 अरब डॉलर से ज्यादा का इजाफा देखने को मिला है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर किस तरह के आंकड़े सामने देखने को मिल रहे हैं।
125 अरब डॉलर से ज्यादा का इजाफा
अगर बात पिछले साल से करें तो 27 दिसंबर 2019 को समाप्त हुए सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडर 454.95 अरब डॉलर पर था, जो इस साल 25 दिसंबर 2020को समाप्त हुए में बढ़कर 580.84 अरब डॉलर पर पहुंच गया। यानी एक साल में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 125.89 अरब डॉलर का इजाफा देखने को मिला। जानकारों की मानें तो तो बजट से पहले विदेशी मुद्रा भंडार के 600 अरब डॉलर पहुंचने के आसार हैं।
एक सप्ताह में आई गिरावट
वहीं बात एक सप्ताह की करें तो 25 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में विदेश मुद्रा भंडार में 29 करोड़ डॉलर की गिरावट देखने को मिली है, जिसकी वजह से कुल भंडार 580.84 अरब डॉलर रह गया। इससे पहले 18 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में यह 2.56 अरब डॉलर बढ़कर 581.13 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर रहा था।
आरबीआई ने भी जारी किए आंकड़ें
भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, 25 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति 25.3 अरब डॉलर घटकर 537.47 अरब डॉलर रह गई। इस दौरान स्वर्ण भंडार भी 30.8 करोड़ डॉलर की गिरावट के साथ 36.71 अरब डॉलर पर आ गया। आलोच्य सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास आरक्षित निधि 27.6 करोड़ डॉलर बढ़कर 5.15 अरब डॉलर पर पहुंच गया जबकि विशेष आहरण अधिकार 40 लाख डॉलर घटकर 1.51 अरब डॉलर पर रहा।
Published on:
03 Jan 2021 01:25 pm
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