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अगर आप भी लेते हैं अपने पेरेंट्स से उधार, तो इस समस्‍या के लिए रहिए तैयार

locationनई दिल्लीPublished: Apr 12, 2018 12:34:12 pm

Submitted by:

Saurabh Sharma

उधार लेना या उधार के रूप में गिफ्ट लेना कोई गैरकानूनी बात नहीं, लेकिन असल में मुसिबत उसके बाद शुरू होती है।

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नई दिल्‍ली। अक्‍सर हमें रुपयों को की जरुरत पड़ती ही रहती है। जिसके लिए हम उधार लेते हैं। कभी बैंक से तो कभी किसी परिचित से या किसी आदमी से ब्‍याज पर उधार देते हैं। लेकिन यह सभी ऑप्‍शन तब सामने आते हैं, जब आपको आपके परिवार यानि पेरेंट्स मदद नहीं मिलती। अगर आपको अपने पेरेंट्स पांच लाख उससे अधिक रुपयों की मदद या उधार मिल जाते हैं तो मुसिबत फिर भी खत्‍म नहीं हुई है। कानून का शिंकजा फिर भी आप या आपके पेरेंट्स पर मंडरा रहा है। कैसे तो आपको यह आर्टिकल पूरा पढ़ने की जरुरत है।

अवैध नहीं है उधार लेना
इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट की लोगों की उस छिपी हुई आय पर नजर रहती है जिसका रिकॉर्ड बताने से अक्‍सर लोग कतराते हैं। बाद में जब इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट के शिंकजे में आते है तो लोग मुसीबत में आ जाते हैं। कुछ ऐसा ही मामला बच्‍चों और पेरेंट्स के बीच लेनदेन का है। चार्टेट अकाउंटेंट अनुपम शर्मा के अनुसार आप अपने पैरेंट्स से जितना भी चाहें उधार ले सकते हैं। आप इस उधार को गिफ्ट के तौर पर भी ले सकते हैं। यह कानून की नजर में पूरी तरह से वैध है। इस तरह के उधार और गिफ्ट पर आपको कोई आयकर भी नहीं देना होता है।

मुसीबत यहां से होती है शुरू
यह बात सही है कि उधार लेना या उधार के रूप में गिफ्ट लेना कोई गैरकानूनी बात नहीं। लेकिन असल में मुसीबत उसके बाद शुरू होती है। इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट आपसे सवाल कर सकता है कि आपको यह रुपया कहां से और किन सोर्स से मिला है? इन सवालों के जवाब में अगर आप अपने पेरेंट्स का नाम डिस्‍क्‍लोज करते हैं तो इस बात का प्रूव दिखाना होगा कि आपको यह रुपया आपके माता पिता से ही मिला है।

पेरेंट्स से भी पूछे जाएंगे सवाल
इनकम टैक्‍स अधिकारियों के सवालों और जवाबों का दौर यहीं से शुरू नहीं होता है। उसके बाद वो अपके पेरेंट्स से भी सवाल करेंगे। उनसे पूछा जाएगा कि उन्‍होंने जो आपको पांच या उससे अधिक की रकम दी है वह उन्‍होंने घोषि की हुई है या नहीं। उन रुपयों के सोर्स के बारे में जानकारी मांगी जाएगी। सीए अनुपम भारद्वाज के अनुसार सही मायनों में इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट का असल में मकसद यह पता लगाना है कि जो रुपया आपके पेरेंट्स से मिला है क्‍या वो वाकई उन्‍हीं का है? अगर यह साबित नहीं होता है तो आप कानूनी पचड़े में भी पड़ सकते हैं!

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